श्रीगंगानगर। करीब आठ साल पहले हेरोइन तस्करी के मामले में दो जनों को दोषी मानते हुए एक-एक साल कारावास व दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है जबकि तीसरा आरोपी फरार होने पर उसे मफरूर घोषित किया गया। यह निर्णय एनडीपीएस प्रकरणों की स्पेशल कोर्ट के स्पेशल जज अजय कुमार भोजक ने सुनाया। विशिष्ट लोक अभियोजक विजेन्द्र कुमार घिंटाला ने बताया कि सदर थाने के तत्कालीन एसएचओ राहुल यादव ने 7 मार्च 2016 को पदमपुर रोड पर चक 8 ए के पास ए माइनर की पुलिया पर नाकेबंदी की। इस दौरान एक सफेद रंग की कार को रूकवाया तो इसमें तीन जने सवार थे। इसमें अनूपगढ़ क्षेत्र गांव 15 ए बी निवासी 31 वर्षीय सुखवंत सिंह उर्फ सोनू पुत्र मोहर सिंह कुम्हार सिख, घड़साना क्षेत्र 27 ए गांव निवासी 36 वर्षीय हरविन्द्र सिंह उर्फ सुच्चासिंह पुत्र जबर सिंह जटसिख और घड़साना क्षेत्र गांव 21 पी ढाणी निवासी जसकरण सिंह उर्फ डॉक्टर पुत्र जलौर सिंह को काबू कर इनके कब्जे से 17 ग्राम हेरोइन चिट़टा बरामद किया। इन तीनों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकारा कि वे स्मैक आदी है। वे गांव अक्कांवाली निवासी हरमीत सिंह के जानकार पंजाब के तारणताल से यह हेरोइन खरीदकर लाए थे। पुलिस ने इन तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया और अदालत में चालान पेश किया। अदालत में विचाराधीन इस मामले के दौरान आरोपी जसकरण उर्फ डॉक्टर फरार हो गया, उसे भगौड़ा घोषित किया है। जबकि अदालत ने आरोपी सुखवंत सिंह उर्फ सोनू पुत्र मोहर सिंह कुम्हार सिख और हरविन्द्र सिंह उर्फ सुच्चासिंह पुत्र जबर सिंह जटसिख को दोषी मानते हुए एक-एक साल कारावास व दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।