महाआरती के बाद लोगों में शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, चंदन, फल आदि चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया। महिलाओं और बच्चों ने भी उत्साह दिखाया। मंदिर परिसर में प्रसाद का वितरण भी किया गया। इसी तरह चहल चौक पर गौरीशंकर मंदिर और अंध विद्यालय में स्थित मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुआें का तांता लग गया।
इधर, नई धानमंडी के मंदिर, एल ब्लॉक स्थित हनुमान मंदिर, शिव चौक स्थित शिव मंदिर, पुरानी आबादी के गणेश मंदिर, हाउसिंग बोर्ड के शिव मंदिर, सेतिया कॉलोनी में गणेश मंदिर में मेले जैसा माहौल देखने को मिला। वहीं कई लोगों ने उपवास रखकर शिव की उपासना की।
कोरोना की तीसरी लहर की आंशका को देखते हुए अधिकांश लोग अपने घरों पर ही भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना की। पंडित संपतलाल शर्मा का कहना है कि भगवान शिव की उपासना करने के लिए मंदिरों से ज्यादा घरों पर ही पूजा अर्चना शुरू हो चुकी है।
रुद्राभिषेक के माध्यम से लोग अपनी असाध्य बीमारियों को दूर करना चाहते है। वहीं अविवाहित युवतियां भी अच्छे वर के लिए इस श्रावण माह में व्रत रखती है। कई प्रतियोगी परीक्षाअेां में सफलता के लिए भी भोलेनाथ का पूजन करते है।
वहीं नगर परिषद सभापति करुणा चांडक सोमवार को प्राचीन शिवालय में परिवार के साथ पहुंची और वहां पूजन के बाद लंगर लगवाया। इधर, पाटलिपुत्र भवन का शिलान्यास एवं भूमि पूजन दयानन्द शास्त्री के सानिध्य में किया गया।
संस्थापक सुमन झा ने बताया कि चक ६ ई छोटी स्थित ड्रीम सिटी में इस भवन का निर्माण कराया जाएगा।इस मौके पर विनीता आहुजा, योगेन्द्र प्रसाद, संजय सुमन, अमित कुमार आदि मौजूद थे।