श्री गंगानगर

अलविदा वड्डे सरदार: पूर्व मंत्री गुरजंटसिंह बराड़ का निधन

– भाजपा के कद्दावर नेता और सादुलशहर विधायक के दादा थे बराड़

श्री गंगानगरNov 03, 2024 / 06:59 pm

surender ojha

श्रीगंगानगर। संगरिया से दो बार और सादुलशहर से एक बार कुल तीन बार विधायक और एक बार मंत्री रहे भाजपा के कद़दावर नेता सरदार गुरजंट सिंह बराड़ का रविवार को निधन हो गया। वे 91 वर्ष की आयु के थे। सादुलशहर क्षेत्र चक 5 ए में ​िस्थत आवास पर उन्होंने अपने घर पर रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली। बराड़ के पोते गुरवीर सिंह बरा़ड़ फिलहाल सादुलशहर से भाजपा के विधायक है। सिख चेहरे के रूप में बराड़ ने खुद की पहचान पूरे प्रदेश में बनाई। पंजाब से सटे सादुलशहर विधानसभा होने और खुद काश्तकार होने की वजह से बराड़ ने किसानों के लिए सिंचाई पानी के मुद़दे को राजस्थान विधानसभा में उठाया। पक्के खाळों का निर्माण बराड़ की देन हुई। पूरे जिले में बराड़ का दबदबा रहा और अपने समर्थकों के बलबूते पर इलाके की राजनीति के हीरो के रूप में उभरे। पंचायत समिति का चुनाव हो या फिर जिला परिषद का या फिर नगर पालिका का चुनाव, बराड़ परिवार के आसपास ही समीकरण बनते रहे। उनके बेटे और बहु के अलावा पोते को भी राजनीति में लाकर बराड़ ने समर्थकों को निराश नहीं किया। तब संगरिया सीट पर जीत कर शुरू की पारी भाजपा के कददावर नेता बराड़ संगरिया से जब वर्ष 1993 में निर्दलीय विधायक बने तब भैरोसिंह शेखावत की सरकार में पहली बार मंत्री बने। वर्ष 1993 में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ संयुक्त जिला था। इस नाते सादुलशहर- संगरिया संयुक्त विधानसभा से निर्दलीय विधायक गुरंजट सिंह भी मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे। इसके बाद वे वर्ष 2003 में भाजपा प्रत्याशी बनकर अपनी जीत का फिर से स्वाद चखा। वर्ष 1994 में हनुमानगढ़ जिला बना। इसके बाद वे सादुलशहर विधानसभा की सीट पर भाजपा के दावेदार हो गए। करीब सात साल पहले बराड़ ने एक कार्यक्रम में जनता का आभार जताकर एक प्रकार से खुद काे आगामी विधानसभा चुनावों से दूर रखने का संकेत दे दिया वहीं इसी सभा में अपने पोते गुरवीर सिंह बराड़ को अपना उत्तरा​धिकारी बनाने की घोषणा की थी। बराड़ ने पोते गुरवीर सिंह को राजनीतिक पाठशाला में दांव-पेंच सीखा कर अपने हजारों समर्थकों की मौजूदगी में अपनी चार दशक की राजनीतिक विरासत सौंप दी थी। दरअसल भाजपा उम्रदराज कंडीडेट को टिकट देने के मूड में नहीं थी, भाजपा संगठन के बदलते तेवर को बराड़ भांप गए और गुरवीर सिंह को को सामने लाकर प्रतिद्वंदियोंकाे सीधा संदेश दे दिया कि वे खुद ताे चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन परिवार राजनीति में ही रहेगा।

तब आंसू छलके वड्डे सरदार के

पिछले साल 3 दिसम्बर 2023 को विधानसभा चुनाव का परिणाम घो​षित हुआ तो जिला मुख्यालय पर सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र से विजयी रहे भाजपा प्रत्याशी गुरवीर बराड़ मतगणना स्थल पर पहुंचे अपने दादा पूर्व मंत्री गुरजंट सिंह बराड़ को देेख भावुक हो गए। चरण स्पर्श कर गले मिले तो दादा की आंखों से आंसू छलक पड़े। पोता काफी देर तक दादा के गले लग कर सुबकता रहा। दादा-पोते का यह मिलन देख आसपास खड़े समर्थक व परिवार के सदस्य भी भावुक हो गए। विदित रहे कि विधानसभा 2013 में विधानसभा चुनाव में हारने के बाद गुरजंट सिंह बराड़ ने एक तरह से राजनीति से संन्यास ले लिया था। वर्ष 2018 के चुनाव में पोते को आगे किया लेकिन जीत की खुशी नहीं मिली। अब दस साल बाद पोते के सिर पर विधायक का ताज सजा तो शारीरिक दुर्बलता को दर किनार कर पूर्व मंत्री बधाई देने के लिए मतगणना स्थल तक पहुंच गए थे।

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