वहीं श्रीविजयनगर के निकट 13 जीबी के पास बंधा टूटने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। बंधा टूटने से ढाई सौ बीघा खेत जलमग्न हो गए। सूचना पर तहसीलदार और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। वहीं एक 92 जीबी में एक बंधा किसी शरारती तत्व ने तोड़ दिया। सीमावर्ती क्षेत्र में पानी की मात्रा बढ़ रही है, हालांकि प्रशासन ने कहा कि किसी तरह की जान माल की हानि नहीं होगी,इसके पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है। लेकिन 1990 के दशक में आई बाढ़ में भी पुराना बिंजौर पूरी तरह से डूब गया था, जिससे लोगों की यादें ताजा हो गई है और ग्रामीण भयभीत होकर अपना घरेलू सामान निकालकर सुरक्षित स्थान की तरफ जाने की जद्दोजहद में जुटे हैं।
घरों में घुसा पानी
गांव 4 एमएसआर के पास बंधों के टूट जाने के कारण कई बीघा भूमि जलमग्र हो गई। सूचना पर पंचायत समिति विकास अधिकारी रविंद्र शर्मा,ग्राम विकास अधिकारी भंवर सिंह पडि़हार सहित कई कर्मचारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की सहायता से बंधों को बांधने का प्रयास किया। लेकिन तब तक फसले को खराब हो चुकी थी। बिंजौर में उत्तर तथा दक्ष्णि दिशा की तरफ का बंधा टूट गया। जिससे पानी बिंजौर गांव पानी से घिर गया हैं। प्रशासन की तरफ से सभी ग्रामीणों ने तटबंध मजबूत करने की अपील की गई थी लेकिन पानी के बहाव से बंधे भी बह रहे हैं। ग्राम पंचायत प्रशासन ग्रामीणों के साथ मिलकर बंधों को मजबूत करने के प्रयास जारी है।