श्री गंगानगर

Sri Ganganagar News: अबकी बार 500 पार, लहसुन के दामों ने बनाया नया रेकॉर्ड, किचन का गणित बिगड़ा

भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सिंह चंदी ने बताया कि सरकार को जमाखोरी रोकने जैसे कदम उठाने चाहिए, जिससे किसानों को बिजाई के लिए उचित दाम पर लहसुन मिल सके।

श्री गंगानगरNov 25, 2024 / 01:28 pm

Rakesh Mishra

Garlic Price in Sri Ganganagar: सब्जी मंडी में महंगी सब्जियों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। लहसुन 500 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है, तो टमाटर 60 रुपए और प्याज 50 रुपए प्रति किलो के साथ पहले ही महंगाई की दौड़ में शामिल हैं। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि उत्पादन में कमी ने इस महंगाई को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि दीपावली के बाद सब्जी के भावों में कमी आएगी, लेकिन अभी तक पूरी तरह से राहत नहीं मिल पाई है।
शिमला मिर्च 100 रुपए, हरे छोले 200 रुपए, कमल ककड़ी 100 रुपए, नए आलू 40 रुपए किलो, गोभी 60 रुपए किलो बिक रहे हैं। गृहिणी किरण ने कहा लहसुन का इस्तेमाल सब्जियों और दाल में स्वाद बढ़ाने के लिए होता है, लेकिन अब इसे खरीदना भी मुश्किल हो गया है। श्री गंगानगर के सब्जी विक्रेता जॉनी अगावड़ी ने कहा कि नई फसल आने के बाद ही राहत मिलने के आसार हैं। भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सिंह चंदी ने बताया कि स्थानीय किसान बहुत कम क्षेत्र में लहसुन की खेती करते हैं।
उन्होंने कहा कि अभी लहसुन की बिजाई का समय चल रहा है। बाजार में जो लहसुन बिक रहा है, किसान उसे ही बीज के रूप में काम लेता है, लेकिन जब सार संभाल कर खर्च वहन कर किसान उसे बाजार में बेचने जाता है तो उसे पर्याप्त भाव नहीं मिलते हैं। अब भी बाजार में लहसुन किसी किसान के पास से नहीं बल्कि व्यापारियों के स्टॉक से ही आ रहा है। यही कारण है कि यहां के किसान अपने उपयोग में आने लायक थोड़ी जगह में लहसुन की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जमाखोरी रोकने जैसे कदम उठाने चाहिए, जिससे किसानों को बिजाई के लिए उचित दाम पर लहसुन मिल सके।
यह भी पढ़ें

Bikaner News: बीकानेर में रहस्यमयी बीमारी से आंखों के सामने ही एक के बाद एक करके मर गईं 80 से ज्यादा भेड़ें, गांव में खौफ

संबंधित विषय:

Hindi News / Sri Ganganagar / Sri Ganganagar News: अबकी बार 500 पार, लहसुन के दामों ने बनाया नया रेकॉर्ड, किचन का गणित बिगड़ा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.