माकपा नेताओं ने चेतावनी दी है कि रबी फसल पकाव के लिए मार्च तक सरकार को निचोड़ कर पूरा पानी लेंगे। हक का पानी लेने के लिए किसान किसी भी हद तक जा सकेंगे। सरकार 2004 वाले हालात बनाने पर तुली हुई है। किसानों ने भी ठान लिया है कि सरकार के आगे नहीं झुकेंगे।
अखिल भारतीय किसान सभा एवं माकपा के तत्वावधान में चल रहे सिंचाई पानी आंदोलन को लेकर सोमवार को हुई सभा में पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने सरकार को चेताया कि मंगलवार तक इन्दिरा नहर में पानी वितरण के लिए परामर्शदात्री की बैठक बुला कर दो गु्रप में सिंचाई पानी की घोषणा करें। घोषणा नहीं होने की स्थिति में बुधवार को घड़साना-अनूपगढ क्षेत्र में गांवों में किसान कफ्र्यू, एक दिसम्बर को श्रीविजयनगर में जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता का घेराव तथा चार दिसम्बर को 365 हैड मंडी में सभी सरकारी कर्मियों को ऑफिस में बंधक बना कर विरोध जताया जाएगा।
पूर्व घोषित किसान सभा में अनूपगढ, रामसिंहपुर, 365 हैड, रावला, खानूवाली, रोजड़ी आदि क्षेत्र से बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंचे। गांवों से जीपों, बसों तथा अन्य वाहनों से किसानों के जत्थे कस्बे में प्रवेश करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाते हुए आए। किसानों ने सीएम, जल संसाधन मंत्री के खिलाफ खूब नारेबाजी की। धानमंडी में पहुंचे किसानों को पूर्व विधायक पवन दुग्गल, माकपा जिला सचिव शोपत मेघवाल, नौजवान सभा के प्रताप बिश्रोई, किसान सभा के लूणेखां जसलेरा व ठाकर वर्मा, हरविन्द्र संधू, भागीरथ शर्मा, लक्ष्मण सिंह, भूमि विकास बैंक के पूर्व चेयरमैन राकेश ठोलिया, जिला परिषद के पूर्व सदस्य सुनील गोदारा, कालू थोरी आदि पदाधिकारियों ने स्वागत किया। करीब ढाई घंटे तक चली सभा में आम किसान ने भी मंच पर आकर पीड़ा जताते हुए सीएम का नाम लेकर कड़ी निंदा की। किसानों ने वर्तमान सरकार को सबक सिखाने का आह्वान किया। इस माकपा नेताओं ने तालियां बजा कर किसानों की घोषणा का स्वागत किया।
सभा के समापन से पहले आखिरी वक्ता हेतराम बेनीवाल ने संबोधन दिया। बेनीवाल ने सीएम को आड़े हाथों लिया तथा किसानों से टकराव करने पर मुकाबला करने की चेतावनी दी। बेनीवाल ने पौंग डेम में पानी की उपलब्धता होने के उपरांत किसानों को पानी नहीं देने पर मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की। सिंचाई पानी के लिए तीन मंचों के माध्यम से चल रहे आंदोलन पर उन्होंने एकता की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि एक मंच पर आंदोलन होने से सरकार किसानों का हक नहीं मार सकेगी। इससे पहले बेनीवाल ने दुग्गल, शोपत मेघवाल, सुनील गोदारा, लक्ष्मण सिंह आदि प्रमुख नेताओं से आंदोलन की आगामी रणनीति पर अलग से बैठक कर चर्चा की। पूर्व विधायक बेनीवाल ने 31 मार्च तक दो ग्रुप में सिंचाई पानी देने का प्रस्ताव रखा। बेनीवाल ने 31 मार्च तक फसल पकाव के लिए आंदोलन जारी रखने का एलान किया।