इस कारण ग्रामीण वोटर पर कांग्रेस अपनी दावेदारी अधिक कर रही है। वहीं भाजपा ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद किसान आंदोलन के ठंडा पडऩे के बाद अपनी जड़े फिर से जमाने का दावा किया है। इन दोनों दलों ने अपने अपने पुराने कायज़्कताओज़्ं को बढ़ावा देने के संकेत दिए है। हालांकि अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है।
लेकिन किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर पिछले एक महीने से कई लोग सक्रिय हो चुके है। इन लोगों में कई भाजपाई है तो कई कांग्रेसी। वहीं वामपंथी विचारधारा वाले लोग भी सिंचाई पानी के मुददे से अपनी उपस्थिति दजज़् करवा रहे है।
वहीं जिला प्रमुख बनने के लिए कई दावेदारों ने अभी से ग्रामीण इलाकों का दौरा भी शुरू कर दिया है। यहां तक कि भाजपा और कांग्रेस ने नए चेहरों को आगे लाने की कवायद शुरू की है।
वहीं जिला प्रमुख बनने के लिए कई दावेदारों ने अभी से ग्रामीण इलाकों का दौरा भी शुरू कर दिया है। यहां तक कि भाजपा और कांग्रेस ने नए चेहरों को आगे लाने की कवायद शुरू की है।
भाजपा ने तो अपने मंडल स्तर के प्रभारियों से जमीनी फीडबैक भी मांगा है। इसके लिए युवा चेहरों को लाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं पुराने भाजपाईयों ने अपने पारिवारिक और परिचितों के युवाओं को टिकट की जुगात की रणनीति तय की है। इधर, कांग्रेसियों ने भी अपने अपने समथज़्कों को गांवों में जनसंपकज़् करने के संकेत दे दिए है। कई कांग्रेसी तो अभी से सक्रिय हो गए है।
जिला प्रमुख का पद इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। इस कारण दोनों दलों में पूवज़् मंत्रियों और पूवज़् विधायकों के साथ साथ पूवज़् प्रधानों ने भी इसके साथ साथ पंचायत समिति के प्रधान की कुसीज़् पाने के लिए का दौर शुरू हो चुका है। जिले के अधिकांश इलाकों में किसान आंदोलन का असर देखने को मिलेगा।
इस बार पंचायत समिति के प्रधान बनने के लिए श्रीगंगानगर, सादुलशहर और सूरतगढ में अधिक कशमकश रहेगी। इन तीनों पंचायत समितियों में प्रधान का पद सामान्य वगज़् के लिए आरक्षित होने के कारण प्रधानगी बनने के अधिक संभावित दावेदार तैयार हो गए है।
इस बार पंचायत समिति के प्रधान बनने के लिए श्रीगंगानगर, सादुलशहर और सूरतगढ में अधिक कशमकश रहेगी। इन तीनों पंचायत समितियों में प्रधान का पद सामान्य वगज़् के लिए आरक्षित होने के कारण प्रधानगी बनने के अधिक संभावित दावेदार तैयार हो गए है।
कईयों ने तो अभी से दोनो दलों से संपकज़् करना भी शुरू कर दिया है। वहीं विधायकों के यहां भी धोक लगाने वालों की संख्या एकाएक बढ़ी है। इधर, रायसिंहनगर और पदमपुर की पंचायत समितियों में सामान्य महिला का पद आरक्षित किया गया है।
वहीं श्रीकरणपुर में एससी महिला, अनूपगढ़ में एससी, घड़साना में ओबीसी महिला का पद आरक्षित होने के कारण संभावित दावेदारों के नाम सामने आने लगे है।
इस बीच, श्रीगंगानगर पंचायत समिति में इस बार प्रधान का पद सामान्य वगज़् के लिए आरक्षित किया गया है।
इस बीच, श्रीगंगानगर पंचायत समिति में इस बार प्रधान का पद सामान्य वगज़् के लिए आरक्षित किया गया है।
पूरे जिले में इस पंचायत समिति में सबसे ज्यादा डायरेक्टरों के पद है। यहां कुल डायरेक्टरों के पद 29 है। वहीं अनूपगढ़ में प्रधान का पद एससी के लिए आरक्षित किया गया है। यहां कुल 15 डायरेक्टरों के पद है। इसी तरह श्रीकरणपुर में प्रधान एससी महिला के लिए आरक्षित है। यहां 15 पंचायत समिति सदस्य के पद है।
रायसिंहनगर में फिर से इस बार महिला प्रधान बनेगी। यहां सदस्यों की संख्या 19 है। पदमपुर में भी महिला प्रधान की कुसीज़् पर बैठेगी। यहां 17 सदस्य है। वहीं घड़साना में ओबीसी महिला प्रधान के लिए आरक्षित है। यहां कुल सदस्य 17 है। वहीं श्रीविजयनगर में प्रधान इस बार एससी के लिए आरक्षित किया गया है। यहां 15 सदस्य है।
सूरतगढ़ में इस बार सामान्य वगज़् से प्रधान बनेगा। इस कारण यहां प्रधान का चुनाव अधिक रोचक रहने की संभावना है। यहां 23 सदस्य है। इसी प्रकार सादुलशहर में भी सामान्य वगज़् होने के कारण राजनीतिक सरमिज़्यां अधिक रहेगी। यहां 19 सदस्य है।