जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि ग्रामीण किसान मजदूर समिति के नेता संतवीर सिंह मोहनपुरा के नेतृत्व में 100 के करीब किसान नारेबाजी करते हुए साधुवाली नाके पर पहुंचे। वहां तैनात पुलिस अधिकारियों के रोके जाने के बावजूद यह लोग राजस्थान-पंजाब सीमा पर की गई बैरिकेडिंग की तरफ बढ़ने लगे तो इन्हें सीआरपीसी की धारा 129 में गिरफ्तार कर लिया गया। किसानों को दो बसों में भर कर अज्ञात स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राजस्थान-पंजाब सीमा पर साधुवाली नाके पर की गई बैरिकेडिंग 16 फरवरी तक नहीं हटाई जाएगी। किसान संगठनों ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। तब तक इस मार्ग पर आवागमन बंद रहेगा। राजस्थान से पंजाब जाने और पंजाब से राजस्थान आने के लिए कोठा और पतली मार्ग खुले रहेगे।
साधुवाली नाके पर जाने से पहले किसान कालूवाला बाइपास के पास गुरुद्वारे में इकट्ठे हुए। सभी किसान निजी वाहनों में आए थे। यहां से किसान अपने वाहनों से साधुवाली नाके पर पहुंचे। नारेबाजी करते हुए किसान राजस्थान-पंजाब सीमा पर की गई बैरिकेडिंग की ओर बढ़ने लगे तो वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान किसानों और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में पुलिस ने सभी किसानों को गिरफ्तार कर दो बसों में बैठा दिया और अज्ञात स्थान पर ले जाकर तितर-बितर कर दिया।
राजस्थान-पंजाब बॉर्डर सील, सुरक्षा बलों का जाप्ता तैनात, किसान आंदोलन को लेकर आई लेटेस्ट अपडेट
किसान संगठनों ने 2021 में दिल्ली बॉर्डर पर मोर्चा लगाया था तब श्रीगंगानगर जिले से बड़ी संख्या में किसान गए थे। इस बार पहले से ही रास्ते रोके जाने के कारण किसान दिल्ली कूच नहीं कर पाए। ग्रामीण किसान मजदूर समिति के नेता संतवीर सिंह मोहनपुरा ने बताया कि हमें यह आभास हो गया था कि इस बार हरियाणा और राजस्थान सरकार पहले से ही नाकाबंदी कर लेगी, सो कई नेता नाकाबंदी से पहले ही यहां से रवाना हो गए थे।