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कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2017-18 में 46,766,2018-19 में 47,838, 2019-20 में 52,184, 2020-21 में 40562,2022-23 में 330690, वर्ष 2023-24 में 36680, वर्ष 2024-25 में 37484 हेक्टेयर भूमि में गेहूं का बिजान कार्य हुआ।
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खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से सूरतगढ़ में गेहूं की सरकारी खरीद कार्य तिलम संघ को दिया गया है। २०२२-२३ में भी तिलम संघ को गेहूं की सरकारी खरीद कार्य का जिम्मा दिया गया था। लेकिन व्यापारियों ने इसका विरोध करते हुए एक भी बैग सरकारी खरीद केन्द्र पर नहीं तुलवाया। इस वजह से तिलम संघ की ओर से खरीद कार्य शून्य रहा। एक बार फिर तिलम संघ को गेहूं की सरकारी खरीद कार्य दिए जाने का व्यापारियों ने विरोध जताया है। पूर्व विधायक रामप्रताप कासनियां ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मंत्री को पत्र प्रेषित कर गेहूं की सरकारी खरीद कार्य पूर्व की भांति एफसीआई के माध्यम से करवाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में बताया कि व्यापार मंडल की ओर से दिए गए ज्ञापन में व्यापारी व किसान एफसीआई की व्यवस्थाओं से संतुष्ट है। तिलम संघ द्वारा खरीद पर किसानों को बारदाना समय पर नहीं मिलने से तुलाई कार्य नहीं हो पाता। वही, भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ता है। पूर्व विधायक ने सूरतगढ़ की नई धानमंडी में गेहूं की सरकारी खरीद कार्य एफसीआई को देने की मांग की है। वही, व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय सोनी ने भी मुख्यमंत्री, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री, विधायक डूंगरराम गेदर,पूर्व विधायक रामप्रताप कासनियां आदि को पत्र प्रेषित कर तिलम संघ की बजाए एफसीआई को ही गेहूं की सरकारी खरीद कार्य देने की मांग की है। वही, एफसीआई के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2014-15 में 4,49,500 विक्वंटल ,2015-16 में 37,5250,2016-17 में 2,97,577, 2017-18 में 3,27,572 में 2018-19 में 4,19,253 में 2019-20 में 5,00,668, 2020-21 में 523280, 2021-22 में 570500, 2022-23 में शून्य, 2023-24 में 248182, 2024-25 में गेहूं की 501350 क्विंटल की खरीद हुई।
गेहूं का उत्पादन बढऩे की संभावना
सहायक कृषि अधिकारी महेन्द्र सिंह कुलडिय़ा ने बताया कि गेहूं के प्रति किसानों का रूझान बढ़़ा है। इसके साथ ही बिजान का कार्यक्षेत्र भी बढ़ गया है। इससे किसानों को लाभ मिलेगा।