इस बार फसल का उत्पादन कम
पिछले वर्ष सरसों की अगेती फसल पर पाळे की मार पड़ी थी जबकि इस बार मौसम फसल के अनुकूल नहीं रहा। इस कारण प्रति बीघा सरसों का उत्पादन तीन से चार क्विंटल तक हुआ है। साथ ही सरसों का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों ही कमजोर है। पिछले सीजन की तुलना में इस वर्ष श्रीगंगानगर खंड में सरसों की बुवाई अपेक्षाकृत सात हेक्टेयर में कम हुई है जिससे इस बार जिले में सरसों की गुणवत्ता प्रभावित हुई है।
जांच में तेल की मात्रा अच्छी
नई धानमंडी श्रीगंगानगर की सरसों की जांच कर रहे ई-इनाम प्रभारी प्रिंस ने बताया कि इस बार 40 से 42 प्रतिशत तक सरसों में तेल की मात्रा मिल रही है। जबकि किसान को 4960 रुपए तक का मूल्य मिल सकता है। जबकि कुछ सरसों में 35 से 36 व 37,38 से 39 प्रतिशत तेल की मात्रा मिल रही है।
राज्य में 48 लाख मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन
सरसों खरीद के प्रमुख व्यापारी संजय महीपाल का कहना है कि इस बार राज्य में 48 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है तथा राज्य में अभी तक बहुत कम एमएसपी पर खरीद की गई है। जबकि राज्य में 14,61,028 मीट्रिक टन सरसों की एमएसपी पर खरीद करने का लक्ष्य है। इस कारण श्रीगंगानगर जिले के किसानों को मजबूरी में औने-पौने दामों में सरसों की फसल को बाजार में बेचान करना पड़ रहा है। महीपाल का कहना है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में आठ लाख मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन हुआ था। पूरी सरसों की एमएसपी पर खरीद कर ली गई है। हरियाणा में प्रति एकड़ आठ क्विंटल सरसों की खरीद की गई है जबकि राजस्थान में प्रति किसान महज 25 क्विंटल सरसों की खरीदी जा रही है। श्रीगंगानगर जिले में सरसों का गणित
- सरसों की बुवाई 3,10,351 हेक्टेयर
- सरसों का उत्पादन 5,66,453 मीट्रिक टन
- सरसों की उत्पादकता 1800 किग्रा व हेक्टेयर
- सरसों की एमएसपी पर खरीद 104027 क्विंटल
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63 केंद्रों पर खरीद
श्रीगंगानगर खंड में 63 खरीद केंद्रों पर सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 141612 मीट्रिक टन खरीद की जानी है। एक जन आधार कार्ड पर प्रति किसान 25 क्विंटल सरसों की एमएसपी पर खरीद की जा रही है।
-हरिसिंह, क्षेत्रीय अधिकारी,राजफैड,श्रीगंगानगर।