अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनवारी लाल मीणा, पुलिस उप अधीक्षक अन्नु बिश्नोई व थानाधिकारी गणेश बिश्नोई ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी धर्मपाल ने अपने अविवाहित भाई उमेश कुमार को जमीन हड़पने के लालच में हथोड़े से वार कर मौत के घाट उतार दिया। प्रथम दृष्टया मामले को प्रेम संबंधों से जोड़कर भी देखा जा रहा था। लेकिन पुलिस के खुलासे के बाद मामले में नया मोड़ आ गया। पुलिस ने वारदात के दिन एक युवती व उसके परिजनों को राउण्ड अप किया था।
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पूछताछ के दौरान युवती व उसके परिजनों की संलिप्तता सामने नहीं आई। अनुसंधान के दौरान प्रकरण में नामजद आरोपियों की लोकेशन घटना के समय घटना स्थल व उसके आसपास नहीं पाई गई एवं परिवादी धर्मपाल का आचरण संदिग्ध लगने पर वैज्ञानिक तरीके से की गए अनुसंधान व पूछताछ में आरोपी टूट लिया और अपराध स्वीकार कर लिया।
आरोपी ने अपने सगे भाई की हत्या का कारण मृतक का आचरण एवं उसकी सम्पत्ति का लालच होना सामने आया है। आरोपी मृतक को मोटरसाइकिल पर बिठाकर गांव जाने का बहाना कर रवाना हो गए। रास्ते में आरोपी धर्मपाल ने अपने भाई उमेश के सिर में हथोड़ानुमा वस्तु से वार कर हत्या कर दी।
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जुर्म छुपाने के लिए रची कहानी
प्रकरण में आरोपी मृतक के भाई धर्मपाल ने अपने भाई की हत्या को अंजाम देकर अपने इस कृत्य को छुपाने के लिए मृतक की तथाकथित महिला मित्र व उनके परिजनों पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया गया ताकि पुलिस के अनुसंधान की दिशा भटक सके। आरोपी अंत तक अपना जुर्म छुपाने के लिए झूठी कहानी गढकर पुलिस को गुमराह करता रहा।