शुक्रवार रात मशहूर शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के कर्मवीर की कड़ी में कुछ ऐसे ही अल्फाजों से बिग बी यानी अमिताभ बच्चन भारद्वाज दंपती का स्वागत करेंगे। इस डॉक्टर दंपती का श्रीगंगानगर से भी नाता है।
दरअसल, यह दंपती जनसहयोग से भारत में अपना घर आश्रम की 32 शाखाएं चल रही हैं। एक आश्रम नेपाल में भी है। इसकी शुरुआत जून 2000 में भरतपुर से हुई और आज देश के कौने-कौने में ये आश्रम चल रहे हैं। इन आश्रमों में बेसहारा, गंभीर रोगी, दर्द से तड़पते और बदहाल जिंदगी जीने वालों को अपनाया जाता है।
दरअसल, यह दंपती जनसहयोग से भारत में अपना घर आश्रम की 32 शाखाएं चल रही हैं। एक आश्रम नेपाल में भी है। इसकी शुरुआत जून 2000 में भरतपुर से हुई और आज देश के कौने-कौने में ये आश्रम चल रहे हैं। इन आश्रमों में बेसहारा, गंभीर रोगी, दर्द से तड़पते और बदहाल जिंदगी जीने वालों को अपनाया जाता है।
बृजमोहन भारद्वाज और माधुरी भारद्वाज पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। डॉ. बृजमोहन को वर्ष 2000 में एक व्यक्ति दर्द से तड़पता मिला। उसी दिन से उनकी जिंदगी का मकसद बदल गया।
डॉ. दंपती अपने दिन की शुरुआत प्रभुजन (अपना घर में रहने वाले) के चरण स्पर्श से करते हैं। दिनभर इनकी सेवा में ही गुजर जाता है। डॉ. बृजमोहन का अपना बैंक खाता नहीं है। न जेब में नकदी रखते हैं। मंच पर सम्मानित होना या माला पहनना भी इन्हें पसंद नहीं। मूल रूप से भरतपुर के रहने वाला यह दंपती ख्यालीवाला स्थित आश्रम में भी आता-जाता रहता है।
डॉ. दंपती अपने दिन की शुरुआत प्रभुजन (अपना घर में रहने वाले) के चरण स्पर्श से करते हैं। दिनभर इनकी सेवा में ही गुजर जाता है। डॉ. बृजमोहन का अपना बैंक खाता नहीं है। न जेब में नकदी रखते हैं। मंच पर सम्मानित होना या माला पहनना भी इन्हें पसंद नहीं। मूल रूप से भरतपुर के रहने वाला यह दंपती ख्यालीवाला स्थित आश्रम में भी आता-जाता रहता है।
अमिताभ भी हुए प्रभावित, दिए 11 लाख श्रीगंगानगर स्थित आश्रम से जुड़े शिक्षाविद् राजेंद्र लोहिया ने बताया कि केबीसी में डॉ. भारद्वाज ने साढ़े 12 लाख रुपए जीते हैं। यह राशि उन्होंने स्वयं लेने से मना कर दिया। अब यह राशि आश्रम के काम आएगी। वहीं, इनके नेक इरादों को देखते हुए अमिताभ बच्चन ने 11 लाख रुपए और 11 हजार रुपए के कपड़े प्रभुजन के लिए दिए हैं। लोहिया ने बताया कि अब ख्यालीवाला स्थित आश्रम पठानवाला के पास अपनी जमीन पर बनाया जाएगा। आश्रम में प्रभुजन का उपचार सरकारी अस्पताल से करवाया जाता है। वहीं, निजी चिकित्सकों से भी उपचार करवाया जाता है। ऐसी सूरत में निजी चिकित्सक फीस आदि नहीं लेते।