राजा-महाराजाओं के लिए हैड के पास टेंट का नगर ही बसा दिया गया था। रात्रि में रोशनी के लिए जेनरेटर की व्यवस्था की गई। इस समारोह के बाद लंबी चुप्पी साध ली गई। वर्ष 1994 में तत्कालीन जिला कलक्टर करणी सिंह राठौड़ ने इसी दिन को गंगानगर का स्थापना दिवस मान कर स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत की जो कालांतर में औपचारिकता बन कर रह गया।
इस बार जिला कलक्टर डॉ. मंजू की पहल पर स्थापना दिवस को औपचारिकता के दायरे से निकाल कर भव्य तरीके से मनाने की योजना बनी है। अब स्थापना दिवस के समारोह 25 से 27 अक्टूबर तक तीन दिन चलेंगे।
यह कार्यक्रम भी रहेंगे
स्थापना दिवस 26 अक्टूबर को सुबह 8 बजे उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से शहर के मुय चौराहों पर रंगोली का आयोजन होगा। इसी दिन शाम 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक एसडी बिहाणी शिक्षण संस्थान के ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम की जिमेदारी सचिव यूआईटी, उद्यान विभाग के उपनिदेशक, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता व नगर परिषद के पैरोकार को दी गई है। समारोह के अंतिम दिन 27 अक्टूबर को शाम 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक एक शाम धोरों के नाम, कैमल डांस, कैमल सफारी, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन सूरतगढ़ में लवकुश वाटिका के नजदीक होगा।शुरुआत इन कार्यक्रमों से होगी
जिला कलक्टर डॉ. मंजू ने बताया कि जिला पर्यटन विकास स्थायी समिति की बैठक में किए गए निर्णयों के अनुसार 25 अक्टूबर को सुबह 9 बजे राजकीय कन्या महाविद्यालय, मल्टीपर्पज स्कूल, डॉ. भीमराव अबेडकर राजकीय महाविद्यालय, गुरुनानक स्कूल व कॉलेज, राजकीय विद्यालय नंबर 4 में चारदीवारी पर वॉल पेंटिंग की जाएगी। इसी दिन राजकीय कन्या महाविद्यालय में पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। इन कार्यक्रमों के लिए मुय जिला शिक्षा अधिकारी गिरिजेश कांत शर्मा को नोडल तथा नगर परिषद के प्रेम चुघ को सहायक नोडल बनाया गया है।बिखरेंगे लोककला के रंग
स्थापना दिवस 26 अक्टूबर को सुबह 8 बजे महाराजा गंगासिंह चौक पर माल्यार्पण कार्यक्रम होगा। इसकी व्यवस्था आयुक्त नगर परिषद करेंगे। इसी दिन सुबह 8.30 बजे शिवपुर हैड पर पूजा अर्चना, हवन व सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित होगी। इसकी व्यवस्था जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता देखेंगे। सुबह 9.15 बजे वन विभाग की ओर से शिवपुर हैड पर पौधारोपण कार्यक्रम होगा। इसके बाद शिवपुर हैड पर ही प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आमंत्रित लोक कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा आमजन ग्रामीण हाट, फूड स्टाल, हस्तशिल्प स्टॉल, झूले आदि का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए अधीक्षण अभियंता जल संसाधन, सीईओ जिला परिषद, उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग एवं उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को जिमेदारी सौंपी गई है।