इसके साथ साथ सादुलशहर तहसीलदार से भी अगली सुनवाई के दौरान स्पष्टीकरण मांगा है। तथ्यों के अनुसार १७ अक्टूबर २०१७ को चौटाला निवासी रामस्वरुप की वाहन की टक्कर से मृत्यु हो गई थी। इस मृतक की पत्नी सुनीता,, बेटी चन्द्रकला और दो बेटों विनोद व संजय ने एमएसीटी कोर्ट में वाहन चालक सादुलशहर क्षेत्र गांव धींगतानियां निवासी महेन्द्र सिंह के खिलाफ दावा पेश कर क्लेम मांगा था।
इस पर कोर्ट ने ६ दिसम्बर २०१९ को पचास हजार रुपए का क्लेम देने के आदेश किए गए। लेकिन वाहन चालक महेन्द्र सिंह ने यह राशि चुकता नहीं की। इस पर मृतक के वारिसयानों ने इजराय याचिका पेश की।
इसकी सुनवाई के दौरान सादुलशहर तहसीलदार ने रिपोर्ट दी कि महेन्द्र सिंह के नाम पर कोई चल व अचल संपति नहीं है। इस कारण पचास हजार रुपए की वसूली नहीं हो सकती। इस संबंध में कोर्ट ने गंभीरता से कदम नहीं उठाने पर श्रीगंगानगर जिला कलक्टर और सादुलशहर तहसीलदार से जवाब तलब किया है।
इसी कोर्ट में दूसरे प्रकरण के तथ्यों के अनुसार श्रीगंगानगर बैंक कॉलोनी निवासी शंकरलाल की सूरतगढ़-श्रीविजयनगर के बीच रोड पर १६ सितम्बर १९९९ को ट्रक की टक्कर से मृत्यु हो गई थी।
इसी कोर्ट में दूसरे प्रकरण के तथ्यों के अनुसार श्रीगंगानगर बैंक कॉलोनी निवासी शंकरलाल की सूरतगढ़-श्रीविजयनगर के बीच रोड पर १६ सितम्बर १९९९ को ट्रक की टक्कर से मृत्यु हो गई थी।
इस मृतक की पत्नी नीलम मित्तल व उसे दो बेटे विक्रम व अमित ने ट्रक के संचालक बीकानेर क्षेत्र गांव कचौर अगुनी निवासी ओमप्रकाश बिश्नोई पुत्र रामजस और बीकानेर जवाहरनगर निवासी ओमप्रकाश पुत्र मल्लूराम के खिलाफ क्लेम मांगा।
इस पर अदालत ने २६ अगस्त २००५ को निर्णय दिया। लेकिन ओमप्रकाश पुत्र मल्लूराम ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। इस पर अदालत ने ओमप्रकाश पुत्र रामजस से मृतक के परिजनेां को ४ लाख ९१ हजार ६३३ रुपए क्लेम राशि चुकाने के आदेश किए। लेकिन यह राशि नहीं मिली तो कुर्की के आदेश जारी किए गए। कोर्ट ने बीकानेर जिला कलक्टर को भी जवाब मांगा है।