पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि विशेष टीम के एएसआई पवन सहारण व टीम ने थाना प्रभारी रामेश्वर लाल को सूचना दी कि गांव शिवपुरी 29 जीबी में विनोद कुमार पुत्र भागीरथ अपने गोदाम व मकान के पीछे बने गोदाम में नकली डीजल तैयार कर बेचने के लिए भण्डारण किया है।
इस पर थाना प्रभारी रामेश्वरलाल ने मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे और वहां जांच की तो मामला सही पाया गया। वहीं सीओ विक्की नागपाल अतिरिक्त चार्ज सीओ रायसिंहनगर व रसद विभाग से प्रवर्तन निरीक्षक मौके पर पहुंचे। जहां जांच में आरोपी विनोद कुमार के कब्जे से बिना लाइसें व परिमट के रखे गए 23 ड्रमों में 4500 लीटर नकली डीजल व मकान के पीछे गोदाम में 6 ड्रमों में 1100 लीटर एमटी आयल, नकली डीजल बनाने के उपकरण, पीला पाउडर व 64 खाली ड्रम बरामद कर विनोद कुमार को गिरफ्तार कर लिया। जिसको अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे रिमांड पर लिया गया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
4-5 साल से नकली डीजल बनाकर बेच रहा
– पुलिस ने बताया कि आरोपी जांच के दौरान बताया है कि वह केरोसीन डिपो चलाता है तथा इसके साथ-साथ पिछले चार-पांच साल से नकली डीजल बनाकर बेचने का धंधा भी करता है। वह रंग रोगन में काम आने वाले एमटी आयल में थोड़ी मात्रा में सीएल आयल, जो सर्विस स्टेशनों पर मिल जाता है को मिलाकर उसमें पीला रंग डालकर नकली डीजल तैयार करता है। जो असली डीजल जैसा दिखाई देता है। जिसको वह आगे किसानों को बेच देता है।
टीम में ये रहे शामिल
– जिला विशेष टीम में एएसआई पवन सहारण, हैडकांस्टेबल लखन, सुरेन्द्र, कृष्ण कुमार, कांस्टेबल दिनेश कुमार व थाने की टीम मं थाना प्रभारी, कांस्टेबल अरविंद, मदन, वेदप्रकाश, जितेन्द्र व मनोहर शामिल रहे।
आगे खल चुरी का व्यवसाय, पीछे नकली डीजल की फैक्ट्री
-गांव शिवपुरी में रायसिंहनगर- श्रीबिजयनगर सडक़ मार्ग पर बालाजी किरयाना व बालाजी खल चुरी भण्डार के नाम से दुकान चलाई जा रही थी। इसी के पीछे गोदाम में नकली डीजल बनाया जाता था और बाद में ट्रेक्टर वालों को बेचान किया जाता था। इतनी बड़ी मात्रा में नकली डीजल व खाली ड्रम मिलने से हडक़म्प मच हुआ हैं।
एक ड्रम डीजल जलाने से पम्प हो जाता हैं खराब
– स्थानीय पम्प रिपेरिंग मिस्त्री सतविंदर सिंह रामगढिय़ा ने बताया कि नकली डीजल से वैसे तो ट्रेक्टर के पूरे इंजन को ही नुकसान हो जाता हैं। यदि ट्रेक्टर चालक लगातार एक ड्रम नकली डीजल जला देता हैं तो ट्रेक्टर का पम्प खराब हो जाता हैं। साथ ही पिस्टन के ऊपर कार्बन जमा होने शुरू हो जाता हैं।
जिससे ट्रेक्टर का इंजन भी खराब होना शुरू हो जाता हैं। जिससे ट्रेक्टर की 40 से 50 हजार रुपए की रिपेयरिंग करानी पड़ती हैं। नकली डीजल के रंग व स्मैल से पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि डीजल असली हैं या नकली। इसलिए डीजल तो पेट्रोल पंप से ही डलवाना चाहिए। ऐसे ही जल्दबाजी में कहीं से दुकानों से नहीं डलवाना चाहिए।