एमओए की शर्त निर्धारित होने पर वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। अप्रेल के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में इस कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। चिकित्सा शिक्षा के शासन सचिव वैभव गालरिया ने जारी किए गए आदेश में बताया कि 30 जनवरी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में श्रीगंगानगर सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण के संबंध में चर्चा हुई थी।
गत वर्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के रूप में राजस्थान बजट में जिला मुख्यालय पर करीब सात साल से अधूरे पड़े इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण सरकार की ओर से कराने की घोषणा की थी। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र सरकार ने 325 करोड़ रुपए का बजट जारी करने के आदेश देकर इस अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का कदम बढ़ाया था।
यह भी संयोग कि जब वर्ष 2012 में नर्सिग एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कांग्रेस के तत्कालीन नेता और अब मौजूदा निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ ने मेडिकल कॉलेज खुलने की बात कही थी, उसके उपरांत पत्रिका ने प्राइवेट की बजाय सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने का आवाज उठाई।
यह आवाज आंदोलन के रूप में उठी। यही वजह रही कि दानदाता ने एक सौ करोड़ रुपए का चेक देकर इस राह को आगे बढ़ाया। जिला मुख्यालय से गंभीर रोग या गंभीर स्थिति में मरीजों को मजबूरन जयपुर, दिल्ली या चंडीगढ़ या लुधियाना रैफर करना पड़ता है। ऐसे में जरुरतमंद परिवार अपने सदस्य का उपचार नहीं करवा पाते। इस कॉलेज के निर्माण के लिए दानदाता और सरकार के बीच एमओयू हुआ।
कॉलेज निर्माण के नाम पर सियासत भी तेज होती गई और जमींदारा पार्टी से कामिनी जिन्दल ने पिछले विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत कर दर्ज कर विधायक बन गई। भाजपा से जमींदारा पार्टी की दूरियां उस समय खत्म हो गई जब चार साल पहले प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में तत्कालीन विधायक जिन्दल ने भाजपा के पक्ष में वोटिंग की। लेकिन मेडिकल कॉलेज बनाने का सपना फिर भी पूरा नहीं हो पाया।