श्री गंगानगर

लू व तपिश में पेट के लिए मनरेगा में काम करने की मजबूरी

-श्रीगंगानगर जिले में 62 हजार 223 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार

श्री गंगानगरMay 27, 2020 / 09:22 am

Krishan chauhan

लू व तपिश में पेट के लिए मनरेगा में काम करने की मजबूरी

लू व तपिश में पेट के लिए मनरेगा में काम करने की मजबूरी
-श्रीगंगानगर जिले में 62 हजार 223 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार


श्रीगंगानगर. कृषि बाहुल्य श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में इन दिनों खेतीबाड़ी का काम-धंधा हो चुका है। खेत-खलिहान में कृषि जिन्सों की कटाई-कढ़ाई के बाद अब बिजाई का काम चल रहा है। ऐसे में मजदूर वर्ग के लिए खेत-खलिहान में कोई काम-धंधा नहीं है। कोविड-19 की महामारी में 63 दिनों से देश भर में लॉकडाउन है। काम-धंधा व रोजगार सब कुछ बंद पड़ा है। श्रमिक वर्ग के लिए परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। जबकि, मनरेगा में काम चल रहा है। इन दिनों लू व तपिश की वजह से मनरेगा श्रमिकों को निर्धारित टास्क पूरा करना मुश्किल है। श्रमिकों का तर्क है कि गर्मी बहुत ज्यादा है और कार्य स्थल पर छाया की माकूल व्यवस्था नहीं है। साथ ही कोरोना वायरस का खौफ बना हुआ है। फिर भी मनरेगा में कार्य करना मजबूरी है।
जिले में 333 कार्यों पर 62 हजार श्रमिक

श्रीगंगानगर जिले की नौ पंचायत समितियों की 345 ग्राम पंचायतों में 333 कार्यों पर कार्य चल रहा है। इनमें प्रतिदिन 62 हजार 223 श्रमिक काम पर लगे हुए हैं। जबकि, राज्य की 11 हजार 344 ग्राम पंचायतों में 9779 कार्यों पर 40 लाख 33 हजार 817 श्रमिक काम पर लगे हुए हैं। जिला परिषद के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से पिछले साल की तुलना में इस साल मई माह में 12 हजार श्रमिक ज्यादा काम पर है।
ज्यादा काम में भ्रष्टाचार की आशंका
मनरेगा में अब गांवों में काम नहीं बचा है। पक्का खाळा निर्माण, खाळों का पटड़ा मजबूती का कार्य व नहरों की सफाई व रास्ता दुरुस्ती आदि का कार्य बचा है। इस कारण गांवों में श्रमिकों के लिए नए कार्यों की स्वीकृति में भी दिक्कत आ रही है। ज्यादा कार्य चलने पर भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहती है। इसके लिए ग्राम विकास अधिकारी, जेटीए, जेइएन व एइएन आदि को नियमित निरीक्षण करने तथा कार्य स्थल की ऑनलाइन फोटो आदि मंगवाकर मॉनिटरिंग की जा रही है।
लू व धूप में आठ घंटे काम
लॉकडाउन में मजबूरी में श्रमिकों को लू व अत्यधिक गर्मी में काम करना पड़ रहा है। इस तपिश व लू में आठ घंटे काम करना मनरेगा श्रमिकों के लिए मुश्किल है। जहां पर मनरेगा श्रमिकों का कार्य चल रहा है। वहां कार्य स्थल पर पर्याप्त छाया सहित अन्य मनरेगा की गाइड लाइन में देय सुविधाएं नहीं मिल रही है। जिला परिषद ने मनरेगा का समय सुबह छह से दोपहर एक बजे तक कर रखा है। इस बीच तीस मिनट का विश्राम का प्रावधान कर रखा है। यह समय मानसून आने तक या फिर 15 जुलाई 2020 तक प्रभावी रखा है।
फैक्ट फाइल
-जिले में ग्राम पंचायतों में काम-345

-जिले में कितने कार्य चल रहे हैं-333
-जिले की नौ पंचायत समिति में श्रमिक संख्या-62 हजार 223

राज्य की स्थिति
-राज्य की ग्राम पंचायतों में काम-11344

-राज्य की ग्राम पंचायतों में चल रहा काम-9779
-राज्य में श्रमिकों को मिल रहा है रोजगार- 40 लाख 33 हजार 817
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मनरेगा में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 12 हजार श्रमिक मई माह में ज्यादा चल रहे हैं। लू व गर्मी तो है लेकिन श्रमिकों को सुबह जल्दी अपनी टास्क पूरी कर घर जाने की अनुमति दे रखी है।
अरविंद सहारण, अधिशासी अभियंता, जिला परिषद, श्रीगंगानगर।

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