सीएमएचओ डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा से पत्रिका की बातचीत श्रीगंगानगर.नए सीएमएचओ डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा ने सोमवार को स्वास्थ्य भवन में पुराने ऑफिस के स्थान पर अब डिप्टी सीएमएचओ के ऑफिस में नए भवन में शिफ्ट कर लिया है। अब डिप्टी सीएमएचओ सीएमएचओ के पुरानी ऑफिस में शनिवार तक शिफ्ट होंगे। वहीं,कनिष्ठ विशेषज्ञ (निश्चेतन) डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा ने शनिवार सुबह सीएमएचओ का पद संभाल लिया। इस मौके पर डॉक्टर के.के जाखड़,डॉ.मनमोहन मित्तल,डॉ.प्रवीण शर्मा व नर्सिंग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रविंद्र शर्मा सहित डॉक्टर्स,नर्सिंग स्टाफ व सीएमएचओ स्टाफ मौजूद था।
इस मौके पर डॉ.मेहरड़ा का विभिन्न सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल चार्ज देने नहीं आए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (ग्रुप-2) शासन उप सचिव संजय कुमार ने शुक्रवार शाम को एक आदेश जारी राजकीय जिला चिकित्सालय के कनिष्ठ विशेषज्ञ (निश्चेतन) डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा को श्रीगंगानगर का सीएमएचओ लगाया है। इससे पहले डॉ.नरेश बंसल लंबे समय से इस पद पर रहे। डॉ.बंसल को राजकीय जिला चिकित्सालय में उप-नियंत्रक के पद पर लगाया गया है हालांकि वे इस पद पर ज्वाइन करने के इच्छुक नहीं है।
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डॉ.मेहरड़ा ने अवकाश के दिन ज्वाइन किया—डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा ने शनिवार को अवकाश के बावजूद सीएमएचओ पद पर ज्वाइन कर लिया। करीब तीन साल पहले भी डॉ.बंसल को हटाकर डॉ.प्रेम बजाज को सीएमएचओ लगाया गया था परन्तु एक दिन बाद ही डॉ.बजाज का तबादला करवाकर डॉ.बंसल फिर से इसी पद पर आ गए। इसी तरह दो साल पहले जिला चिकित्सालय में डॉ.पवन सैनी को पीएमओ लगाने के आदेश हुए। डॉ.सैनी ज्वाइन करने लगे तो जयपुर से निदेशक का फोन आने पर तत्कालीन पीएमओ डॉ.सुनीता सरदाना ने उन्हें ज्वाइन नहीं करवाया। इसी देखते हुए डॉ.मेहरड़ा ने ज्वाइन करने में देरी नहीं की।
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नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टरों का गांव में रहना होगा श्रीगंगानगर.सीएमएचओ डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा ने शनिवार को राजस्थान पत्रिका से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी प्राथमिकता दूरदराज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने की होगी। साथ ही चिकित्सा विभाग की तरफ से संचालित विभिन्न योजनाओं की नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर पात्र व्यक्ति को इनका लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों और पीएचसी और सीएचसी मुख्यालय पर रहना होगा। इसी से ही गांवों में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार हो सकता है। कोताही बरतने वाले कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।