रेलवे स्टेशन परिसर में लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री स्थापित की जाएगी। इसके लिए भवन का शिलान्यास संभवत: 18 जून को रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। इससे बेडशीट, कम्बल और पिलो कवर श्रीगंगानगर में ही धुलने लगेंगे।
श्रीगंगानगर से तिरुचिरापल्ली जाने वाली हमसफर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, जयपुर कोटा एक्सप्रेस, जम्मूतवी एक्सप्रेस, उद्यान आभा एक्सप्रेस, नांदेड़ एक्सप्रेस, हरिद्वार इंटरसिटी, दिल्ली इंटरसिटी, बीकानेर सराहरोहिल्ला जाने वाली टे्रनों के यात्रियों को दिए जाने वाले बेडरोल गंदे होने की शिकायतें आम थी। इसका एक बड़ा कारण श्रीगंगानगर से जो ट्रेनें चलती हैं, उनके बेडरोल धुलने के लिए बीकानेर जाते हैं। यह बेडरोल रोजाना सरायरोहिल्ला एक्सप्रेस और जयपुर कोटा एक्सप्रेस से बीकानेर भेजे जाते हैं। कई बार दूसरी बड़ी समस्या ट्रेनों में बेडरोल कम पडऩे की भी आई है। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए श्रीगंगानगर में 7-8 टन की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री लगाने का फैसला लिया गया है।
18 के बाद शुरू होगा भवन का कार्य
रेलवे के मेन्टिनेंस यार्ड के साथ चिपते पीडब्ल्यूआई कार्यालय के स्टोर के पास मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री बनाई जाएगी। लॉन्ड्री के लिए भवन का निर्माण कार्य भी 18 जून के बाद शुरू हो जाएगा। इस नई मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के बनने से भिवानी और हिसार के लिए भी रेलवे की चद्दरें, तकिया कवर और कम्बलों की धुलाई संभव होगी। नई लॉन्ड्री में नए सिस्टम से धुलाई होगी। इससे 30 से 40 स्थानीय नागरिकों को भी रोजगार मिल सकेगा।
राजस्थान में पहले दो हैं लॉन्ड्री
राजस्थान में इस समय जोधपुर में चार टन और बीकानेर में तीन टन की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री है। रेलवे के कोचिंग डिपो ऑफिसर कैलाशचन्द्र सिंह के अनुसार मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के शिलान्यास के लिए 18 जून तिथि निर्धारित की गई है। इसका शिलान्यास संभवत: डीआरएम और जयपुर से आने वाले अन्य रेल अधिकारी करेंगे। शिलान्यास के बाद मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री भवन बनना शुरू हो जाएगा। भवन बनने के बाद जल्द ही धुलाई के लिए आधुनिक मशीनें आ जाएंगी। बीकानेर मण्डल में यह सबसे बड़ी मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री होगी।
राजस्थान में इस समय जोधपुर में चार टन और बीकानेर में तीन टन की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री है। रेलवे के कोचिंग डिपो ऑफिसर कैलाशचन्द्र सिंह के अनुसार मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के शिलान्यास के लिए 18 जून तिथि निर्धारित की गई है। इसका शिलान्यास संभवत: डीआरएम और जयपुर से आने वाले अन्य रेल अधिकारी करेंगे। शिलान्यास के बाद मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री भवन बनना शुरू हो जाएगा। भवन बनने के बाद जल्द ही धुलाई के लिए आधुनिक मशीनें आ जाएंगी। बीकानेर मण्डल में यह सबसे बड़ी मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री होगी।