इन-इन जिलों को किया शामिल
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुसार उजाला क्लिनिक राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार करते हुए राज्य के 35 जिलों के लिए स्वीकृति दी है। हर जिले में 6 क्लिनिक होंगे। इनमें एक जिला मुख्यालय और पांच सीएचसी पर खोली जानी है। निदेशालय ने इनकी सूची मांगी है। इस आधार पर श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के अलावा अजमेर, अलवर, अनूपगढ़, ब्यावर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, डीडवाना-कुचामन, डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर प्रथम, जयपुर द्वितीय, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर ग्रामीण, जोधपुर शहरी, केकड़ी, खैरथल तिजारा, कोटा, कोटपूतली-बहरोड़, नागौर, नीम का थाना, पाली, फलौदी, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर, शाहपुरा सीकर और टोंक जिलों में केन्द्र खोले जाने हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुसार उजाला क्लिनिक राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार करते हुए राज्य के 35 जिलों के लिए स्वीकृति दी है। हर जिले में 6 क्लिनिक होंगे। इनमें एक जिला मुख्यालय और पांच सीएचसी पर खोली जानी है। निदेशालय ने इनकी सूची मांगी है। इस आधार पर श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के अलावा अजमेर, अलवर, अनूपगढ़, ब्यावर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, डीडवाना-कुचामन, डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर प्रथम, जयपुर द्वितीय, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर ग्रामीण, जोधपुर शहरी, केकड़ी, खैरथल तिजारा, कोटा, कोटपूतली-बहरोड़, नागौर, नीम का थाना, पाली, फलौदी, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर, शाहपुरा सीकर और टोंक जिलों में केन्द्र खोले जाने हैं।
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बाल पत्रिकाएं रखेंगेकिशोरियों से संबंधित मैगजीन, चार्ट, गेम व अन्य सामग्री, किताब उजाला कक्ष में रखनी होगी। किशोरियों से जुडी मैगजीन जैसे चंपक, चाचा चौधरी, नंदन, बालहंस आदि के माध्यम से अध्ययन के लिए फोकस किया जाएगा। सरकार का मानना है कि ऐसे क्लिनिक में किशोरियों को बौद्धिक रूप से सशक्त करना है।
चयन कर सूचना भिजवाई
उजाला क्लिनिक खोलने के लिए नामों की सूची आरसीएच को भेज दी है। जो भी कार्ययोजना मिलेगी, उसकी पालना करेंगे। इसमें मुख्य रूप से जहां अधिक रोगियों या लोगों की आवाजाही अधिक हो और संसाधन पर्याप्त हो, ऐसी जगहों को चयन किया गया है।
डा. अजय सिंगला, सीएमएचओ श्रीगंगानगर
उजाला क्लिनिक खोलने के लिए नामों की सूची आरसीएच को भेज दी है। जो भी कार्ययोजना मिलेगी, उसकी पालना करेंगे। इसमें मुख्य रूप से जहां अधिक रोगियों या लोगों की आवाजाही अधिक हो और संसाधन पर्याप्त हो, ऐसी जगहों को चयन किया गया है।
डा. अजय सिंगला, सीएमएचओ श्रीगंगानगर
नाम व मोबाइल नंबर लिखने होंगे
जहां एडोलेसेन्ट हेल्थ काउंसलर है, वहां उजाला केन्द्र का संचालन वहीं करेंगे। जरूरत पर एमओ, एएनएम, एलएचवी उपलब्ध रहेंगे। इनके नाम एव मोबाइल नंबर कक्ष के बाहर लिखना होंगे। किशोरियों के लिए पेयजल उपलब्ध हो इसके लिए अलग से बजट दिया गया।
जहां एडोलेसेन्ट हेल्थ काउंसलर है, वहां उजाला केन्द्र का संचालन वहीं करेंगे। जरूरत पर एमओ, एएनएम, एलएचवी उपलब्ध रहेंगे। इनके नाम एव मोबाइल नंबर कक्ष के बाहर लिखना होंगे। किशोरियों के लिए पेयजल उपलब्ध हो इसके लिए अलग से बजट दिया गया।
रोजाना सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक समय
उजाला केन्द्र का समय भी निर्धारित किया गया है। इसमें जिला अस्पताल, उप-जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के उजाला केंन्द्र प्रतिदिन सुबह 9 से 4 बजे तक संचालित होगा। मेडिकल ऑफिसर दो बजे से चार बजे तक दो घंटे का समय उजाला केंद्र पर आने वाले किशोरियों को परामर्श देंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सप्ताह में एक बार दो घंटे मेडिकल ऑफिसर एवं एएनएम या एलएचवी की ओर से परामर्श दिया जाएगा। काउंसलर प्रति माह न्यूनतम एक बार एक पीएचसी उजाला क्लिनिक का संचालन करेंगे।
उजाला केन्द्र का समय भी निर्धारित किया गया है। इसमें जिला अस्पताल, उप-जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के उजाला केंन्द्र प्रतिदिन सुबह 9 से 4 बजे तक संचालित होगा। मेडिकल ऑफिसर दो बजे से चार बजे तक दो घंटे का समय उजाला केंद्र पर आने वाले किशोरियों को परामर्श देंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सप्ताह में एक बार दो घंटे मेडिकल ऑफिसर एवं एएनएम या एलएचवी की ओर से परामर्श दिया जाएगा। काउंसलर प्रति माह न्यूनतम एक बार एक पीएचसी उजाला क्लिनिक का संचालन करेंगे।