श्री गंगानगर

मरम्मत कर दस दिन में फिर से शुरू हो सकता है बाल नौकायान सरोवर

Bal Naukyaan Sarovar can be started again in ten days after repairing- श्रीगंगानगर के इंदिरा वाटिका में अफसरों ने नहीं दिखाया साहस.

श्री गंगानगरAug 09, 2021 / 07:52 pm

surender ojha

मरम्मत कर दस दिन में फिर से शुरू हो सकता है बाल नौकायान सरोवर

श्रीगंगानगर. महज दस दिन में शहर में बच्चों के मनोरंजन के लिए पहना सार्वजनिक मनोरंजन स्थल इंदिरा वाटिका में फि से शुरू हो सकता है। लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधियों और अफसरों की इच्छा शक्ति ने इस वाटिका की अनदेखी कर दी।
नगर विकास न्यास की ओर से बनाए गए बाल नौकायान सरोवर अपनी बिगड़ी सेहत के लिए उपचार कराने का इंतजार कर रहा है।

पुरानी आबादी के माइक्रो टावर से लेकर नाथांवाला तक एरिया के लोग इस वाटिका में घूमने आते है लेकिन बच्चों के लिए इस नौकायान सरोवर को जर्जर हालत देखकर वापस लौट जाते है।
जवाहरनगर एरिया में दो दशक पहले किसी परिवार में कोई मेहमान बाहर से आता था तो इस वाटिका में उसे घूमाने के लिए बकायदा ले जाया जाता था ताकि शहर के सौन्दर्यीकरण की छाप उस पर हो सके।
लेकिन जैसे जैसे यूआईटी और नगर परिषद में अफसरों की उठापटक का दौर चला तो इस पार्क की अनदेखी होने लगी।

बच्चों में प्राकृतिक माहौल बनाने के लिए इस पार्क के बीचों बीच बीस साल पहले बाल नौकायान सरोवर का निर्माण कराया गया था। न्यास अभियंताओं की माने तो मरम्मत कराने से यह सरोवर महज दस दिनों में फिर से शुरू हो सकता है। .
इधर, विवेकानंद कॉलोनी अंजू राजपूत का कहना है कि इलाके में निर्माण कार्य कराने के लिए पानी की तरह बजट बहाया जा रहा है।

लेकिन शहर के बीचोंबीच इंदिरा वाटिका के बाल नौकायान सरोवर के प्रति किसी भी जनप्रतिनिधि की दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही है।
.हर चुनाव में शहर को चंडीगढ़ का बच्चा बनाने का जुमला बोला जाता है। लेकिन चुनाव में जीतने वाला खुद के दम पर जीत का दावा करता है और हारे हुए अपने बलबूते से बाहर होने की बात कहकर कन्नी काटते है।
एलआईसी कॉलोनी की अनिता दुआ का कहना है कि बच्चों को शाम को एक घंटे घूमने का मन करता है लेकिन इंदिरा वाटिका में अब दिखाने की कोई चीज भी नहीं है। बीस साल पहले बने सरोवर को खाली देखकर मुझे हैरानगी होती है कि जिला प्रशासन कर क्या रहा है। एक ओर ओलपिंक में मैडल लाने की दुआ करते है जबकि सुविधा के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया जाता।
पुरानी आबादी शक्तिनगर निवासी सोनू वर्मा का मानना है कि बच्चों में नाव जैसी सुविधा दिखाने के लिए भी बीस साल तक इंतजार करना पड़े तो सिस्टम में कैसे सुधर पाएगा।.बच्चों के साथ इंदिरा वाटिका आने का मन होता है। लेकिन करें क्या यहां भी यही हाल कर दिया है जैसा शहर के अन्य पार्को में है।
वहीं पुरानी आबादी की सोनिया चराया के अनुसार सड़कों की मरम्मत पर बजट बहाया जा रहा है लेकिन बच्चों के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

उधर, एलआईसी की मीना राठौड़ का कहना है कि जब सीएम ने इस बाल नौकायान सरोवर का लोकार्पण किया था लेकिन इसकी सार संभाल रखने के लिए स्थानीय प्रशासन ने एक भी कदम नहीं उठाया। मेरी राय में सीएम को यहां आकर सरोवर की हालत देखनी चाहिए।

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