श्री गंगानगर

मनमर्जी हावी, जिम्मेदार मौन

Arbitrary dominates, responsible silence- दीये तले अंधेरा: नगर परिषद के आगे अतिक्रमण की भरमार

श्री गंगानगरAug 05, 2023 / 11:03 pm

surender ojha

मनमर्जी हावी, जिम्मेदार मौन

श्रीगंगानगर। प्रदेश के शहरी क्षेत्र के बाजारों में फुटकर व्यवसायी और रेहड़ी वालों को उनके जीवनयापन के लिए बार बार खदेडऩे की बजाय वेडिंग जोन बनाने की प्रक्रिया अपनाई लेकिन शहर के सौन्दर्यीकरण पर दाग बन गए इन स्ट्रीट वैंडर्स की मनमर्जी के आगे जिला प्रशासन, नगर परिषद और ट्रैफिक पुलिस भी नतमस्तक हो गई है। जिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अस्थायी अतिक्रमण कर यातायात में बाधा और शहर के सौन्दर्यीकरण को बिगाडऩे वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाना था, उन्होंने अभयदान दे दिया। इसका परिणाम यह रहा कि जिला मुख्यालय पर ऐसे स्ट्रीट वैडर्स की संख्या करीब दस हजार पार हो चुकी है। जहां देखों वहां मनमर्जी से स्ट्रीट वैंडर्स अपनी दुकानदारी कर रहे है। जिला मुख्यालय पर स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन और नॉन जोन बनाए जा चुके है। इसमें मुख्य डाकघर से लेकर रेलवे स्टेशन तक नॉन वेडिंग जोन घोषित किया गया है। इसके बावजूद नगर परिषद प्रशासन ने इस मार्ग से स्ट्रीट वेंडर्स को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इस वजह से नगर परिषद, जिला परिषद, कोर्ट और कलक्ट्रेट परिसर के बाहर अस्थायी अतिक्रमण हो चुका है। यही स्थिति सीएचएमओ ऑफिस के बाहर और रेलवे स्टेशन के दोनों गेटों के बाहर भी है। इस रोड पर गुरुद्वारा, रेलवे स्टेशन, नगर परिषद, जिला परिषद, कलक्ट्रेट, कोर्ट कैम्पस, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, केन्द्रीय सहकारी बैंक का प्रधान कार्यालय, मुख्य डाकघर आदि ऑफिस होने के कारण कार्य दिवस पर लोगों की अधिक आवाजाही होने के कारण जाम जैसी स्थिति बनी रहती है।
पुलिस और नगर परिषद प्रशासन के पास ऐसे अनाधिकृत स्ट्रीट वैंडर्स को हटाने का अधिकार है लेकिन इन्होंने कदम नहीं उठाया है।
जिला मुख्यालय पर नगर परिषद प्रशासन ने शहर के मुख्य मार्गो पर रेहड़ी या फुटकर व्यवसासियों का सर्वे करवाकर उनको लाइसेंस वितरित करने का दावा किया है। नगर परिषद के सर्वे के बाद किए पंजीयन रिपोर्ट के अनुसार श्रीगंगानगर में 2764 वेंडर्स को पात्र मानकर लाइसेंस बनाए है। जबकि ऐसे वैंडर्स की संख्या दस हजार पार हो चुकी है। स्ट्रीट वेंडर्स का प्लान बनाने के पीछे मकसद ट्रैफिक समस्या से राहत दिलाना है। सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के मुताबिक अगर स्ट्रीट वेंडरों को एक निश्चित जगह पर दुकान लगाने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाती है, तो शहर में ट्रैफिक की आधी समस्या खत्म हो सकती है। स्ट्रीट वेंडर की वजह से कई जगह ट्रैफिक जाम हो जाता है। नगरपरिषद क्षेत्र में फुटपाथ, रेहड़ी ठेले पर दुकान चलाने वालों को स्ट्रीट वेंडर्स की श्रेणी में माना गया है।
शहर में वेंडर्स जोन में ही स्ट्रीट वेंडर्स को निर्धारित जगह पर अपनी दुकान चलाने की गाइडलाइन है। नगर परिषद के रिकॉर्ड के अनुसार सुखाडिय़ानगर कंगन पैलेस के सामने सीमा शुल्क भवन के आगे, जवाहरनगर इंदिरा वाटिका के मुख्य गेट के बाहर, भगतसिंह चौक के पास जल संसाधन विभाग के क्वार्टरेां के बाहर, आदर्शनगर पार्क के बाहर, नेहरू पार्क के मुख्य गेट के बाहर, पुरानी आबादी सुखवंत सिनेमा क्षेत्र नंद वाटिका के बाहर, पुरानी आबादी पुलिस थाने के पास मल्टीपरपज स्कूल के बाहर दीवार के साथ साथ, जवाहरनगर थाने के पास पार्क की दीवार के साथ साथ, सुखाडिय़ा पार्क के बाहर जटाधारी जलेबी दुकान के पास, मीरा मार्ग पर गर्ग हॉस्पीटल के पास, केन्द्रीय बस स्टैण्ड के पीछे नेहरू पार्क की दीवार के साथ साथ कुल बारह जोन निर्धारित किए गए है।
शहर के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले गोलबाजार में आकर्षक का केन्द्र अम्बेडकर चौक इलाके का सबसे महंगा यह चौक बना हैंं। इस चौक के पुर्नर्निर्माण के नाम पर साठ लाख रुपए का बजट खर्च किया जा चुका है। इसमें विधायक राजकुमार गौड़ ने एमएलए कोटे से दस लाख रुपए और नगर परिषद ने पचास लाख रुपए का भारी भरकम बजट खर्च किया लेकिन इसका आमजन को कोई फायदा नहीं मिला। संसद की तर्ज पर बने इस चौक के चारो ओर रेहडियों और अस्थायी दुकानों का दम घोंटने लगा हैं। इस चौक को निहारने के लिए अंदर जाने का रास्ता भी नहीं बचा है।
राजस्थान राज्य विक्रेता आजीविका संरक्षण एवं पथ विक्रय विनियम नियम 2016 के तहत नगर परिषद क्षेत्र में टाऊन वेडिंग कमेटी का कार्यकाल वर्ष 2016 से वर्ष 2021 तक था। इस कमेटी के कार्यकाल खत्म होने के डेढ़ साल बाद नई कमेटी का चयन अब तक नहीं हो पाया है। इस कमेटी में नगर परिषद आयुक्त अध्यक्ष, यातायात पुलिस उप अधीक्षक या थाना प्रभारी, दो पार्षद, एक वरिष्ठ नगर नियोजक, स्ट्रीट वैंडर्स से तीन प्रतिनिधि, रेजीडेंट वैलफेयर सोसायटी का प्रतिनिधि और नगर परिषद का सचिव या राजस्व अधिकारी सदस्य के रूप में नियुक्त किए जाते है। इस कमेटी में तीन वैंडर्स के लिए चुनाव की प्रक्रिया अब तक श्रीगंगानगर के अलावा श्रीविजयनगर, गजसिंहपुर और पदमपुर नगर पालिका में नहीं हुई है। जबकि केसरीसिंहपुर, रायसिंहनगर, अनूपगढ़, सादुलशहर, श्रीकरणपुर और सूरतगढ में चयन की प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है।
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जिले में इतने स्ट्रीट वैंडर्स
शहर का नाम पंजीयन वैंडर्स
श्रीगंगानगर- 2764
सूरतगढ़-1168
श्रीविजयनगर- 272
श्रीकरणपुर- 286
सादुलशहर- 409
अनूपगढ़- 346
गजसिहंपुर-144
पदमपुर- 228
रायसिंहनगर-420
केसरीसिंहपुर- 292
लालगढ़ जाटान- सर्वे नहीं

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