नगर परिषद प्रशासन ने शहर के ६५ वार्डो में निर्माण कार्यो के आदेश किए हुए है। इसमें से ६२ वार्डो में वर्क ऑर्डर होकर निर्माण कार्य भी शुरू हो चुके है। ज्यादातर बजट पार्को में खर्च होने का अनुमान है।
इन पार्को में पक्के निर्माण हो रहे जबकि हरियाली का विकसित करने पर अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली है। पार्को के सौन्दर्यीकरण में ज्यादातर फुटपाथ, चारदीवारी या झूले लगाने का काम लिया गया है।
वहां सूख चुकी घास को विकसित करने पर बजट खर्च नहीं होता। इसी दूसरी वजह भी है कि घास या पौधे लगाने में बजट सीमित रहता जबकि पक्के निर्माण कार्य कराने पर बिल बड़ा बनता है। एेसे में पार्षद, अधिकारी और ठेकेदारों ने पक्के निर्माण को पूरा कराने पर फोकस किया है।
राजनीतिक द्वेषता के कारण नगर परिषद सभापति करुणा चांडक और विधायक राजकुमार गौड़ के बीच भले ही दूरियां हो लेकिन ये दोनों शहर के विभिन्न वार्डो में पार्को के सौन्दर्यीकरण के तहत कराए जा रहे निर्माण कार्यो का शिलान्यास और लोकार्पण करवा रहे है।
अपने अपने समर्थित वार्ड पार्षदों में जाकर शिलान्यास या लोकार्पण की पट््िटका का अनावरण किया जा रहा है। हालांकि पूरा बजट नगर परिषद प्रशासन वहन कर रहा है। वहीं कुछ वार्डो में नगर विकास न्यास ने भी बजट खर्च करने में दरियादिली दिखाई है। नगर परिषद की ओर से शहर के ६५ में से ६२ वार्डो में बजट खर्च करने की हरी झंडी दिखा दी है। इस कारण पार्षदों और ठेकेदारों में मौज बन गई है।
ब्लॉक एरिया में सड़क या सड़कों की मरम्मत का काम नहीं हो सकता। वहां सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है, एेसे में सड़को को तोड़कर वहां सीवर लाइन बिछाने के उपरांत सीवर ठेका कंपनी एलएंडटी की ओर से सड़क निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है।
नगर परिषद ने प्रत्येक वार्ड में बीस बीस लाख रुपए का बजट दिया है। वार्डो में निर्माण कार्य का ठेका दिया है, उसमें भी सिर्फ निर्माण कार्य का आदेश अंकित किया गया है। एेसे में ठेकेदारों और अफसरों ने यह रास्ता निकाला है। यह बजट खपाने के लिए पार्को के सौन्दर्यीकरण कराने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं पुरानी आबादी और जवाहरनगर एरिया में पार्को के सौन्दर्यीकरण पर बजट खर्च करने में पार्षद पीछे नहीं है।
यह सही है कि जहां सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है वहां सड़क निर्माण या सड़कों के जीर्णोद्धार का काम नहीं हो सकता। वहां सीवर ठेका कंपनी अपने स्तर पर सड़कों का पुनर्निर्माण करवा रही है।
एेसे में पार्को के सौन्दयीकरण के नाम पर प्रत्येक पार्क पर औसतन ढाई से तीन लाख रुपए का बजट खर्च हो रहा है। शहर में फिलहाल २२ वार्डो के पार्को में सौन्दर्यीकरण के नाम पर निर्माण कार्य चल रहा है।
वहां पक्के निर्माण कराए जा रहे है। ज्यादातर इन पार्को में घूमने के लिए पक्के फुटपाथ का काम है। वहीं कई पार्को में चारदीवारी तो कईयों में झूले लगाने की प्रक्रिया चल रही है। हरियाली विकसित करने के लिए कोई काम नहीं चल रहा।
– सिद्धार्थ जांदू, कनिष्ठ अभियंता नगर परिषद