श्री गंगानगर

आधुनिक तकनीक से किसानों को मिली राहत: यह मशीन मिनटों में ऐसे कर देती है गाजर की सफाई

आधुनिक तकनीक के युग में आज के किसान भी इसे अपनाकर अपने काम को आसान और कम समय में पूरा कर रहा है।

श्री गंगानगरDec 02, 2017 / 05:54 pm

Kamlesh Sharma

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श्रीगंगानगर। आधुनिक तकनीक के युग में आज के किसान भी इसे अपनाकर अपने काम को आसान और कम समय में पूरा कर रहा है। इसमें खर्चा भी सौ की बजाय दस फीसदी लग रहा है और काम भी बेहतर हो रहा है। हम बात कर रहे हैं गाजर धुलाई मशीन की। जो सिर्फ 20 मिनट में छह क्विंटल गाजर को धोकर तैयार कर देती है, वहीं गाजर के ऊपर की जड़ें भी रगड़ लगने से पूरी तरह से साफ हो जाती है। सिर्फ एक लाख रुपए में तैयार होने वाली मशीन पूरे दिन में साठ से सत्तर क्विंटल गाजर धो देती है। छह क्विंटल गाजर धोने में सिर्फ साठ रुपए का खर्चा आता है। बस जरुरत है तो खुले पानी की।
नहर का पानी फिर नहर में जाता है
किसानों ने नहर के पटड़े पर मिट्टी भर्ती कर उस स्थान को ऊंचा करके मशीन को फीट किया हुआ है। इंजन के पास लगा पंप नहर के पानी को खिंचता है और मशीन में गाजरों के ऊपर डालता है। मशीन के नीचे बड़ा तिरपाल लगाया गया है जिससे नहर के पटड़े का कटाव न हो। नहर से लिया गया पानी गाजर धोने के बाद फिर से नहर में प्रवाहित हो जाता है ऐसे में पानी की बर्बादी भी नहीं होती है।
एक लाख रुपए तक महीने की कमाई
इस मशीन की कीमत एक लाख रुपए के आसपास है। इसमें किसान अपने अलावा यहां आने वाले अन्य किसानों की गाजर भी धोते हैं। दूसरे किसानों से एक थैले का दस रुपए खर्चा लेते हैं। तीन महीने के सीजन में तीन लाख रुपए तक की आमदनी मशीन वाले को हो जाती है।
पहले दो मजदूर पूरे दिन में धो पाते थे छह क्विंटल गाजर
पहले गाजर उत्पादक किसान गाजर को उखाडऩे के बाद इसे साफ करने के लिए मजदूरों की मदद लेता था। पूरे दिन में दो मजदूर छह क्विंटल गाजर ही साफ कर पाते थे। उस पर सर्दी के मौसम में गाजर साफ करने के लिए मजदूर मिलते भी नहीं थे। लेकिन अब सिर्फ 20 मिनट में छह क्विंटल गाजर साफ हो जाती है। साथ ही मजदूरों के पीछे पीछे जाने की भी जरुरत किसानों को नहीं रही है।
साधुवाली है गाजर उत्पादन का बड़ा हब
राजस्थान के साथ-साथ भारतवर्ष में साधुवाली की गाजर मशहूर है। यहां के वातावरण और नहरी पानी से उगने वाली गाजर काफी लंबी होती है। इसमें ज्यूस की मात्रा काफी ज्यादा होने के कारण खास पसंद की जाती है। यहां से पूरे राज्य में गाजर सप्लाई होती है और इसका भाव भी अच्छा मिलता है। अभी श्रीगंगानगर में थोक मूल्य 16 से 18 रुपए प्रति किलो है जबकि बाजार में 30 रुपए के हिसाब से गाजर की बिक्री हो रही है।

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