पुलिस का कहना है कि कई ऐसे चौराहे और व्यस्तम रोड है जहां दूध के बूथ खुलने से यातायात में अड़चन आ सकती है या दुघज़्टना होने का अंदेशा रह सकता है। इस कारण जिला प्रशासन ने स्थानीय निकायों से दुबारा सवेज़् कर रिपोटज़् मांगी है।
मुख्यमंत्री के बजट घोषणा के अनुरुप शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं को दूध उपलब्ध कराने के लिए दूध के बूथ खोलने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके लिए हनुमानगढ़ की सरस दूध कंपनी से बूथ खोलने का अनुबंध भी किया गया है।
इस कंपनी ने हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर दोनों जिलों में पांच सौ से अधिक बूध खोलने के लिए अनुमति भी दे दी है। श्रीगंगानगर जिले में 338 बूथ बनाए जाऐंगे। इस संबंध में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन भवानी सिंह पंवार ने जिले के स्थानीय निकायों से सवेज़् रिपोटज़् और ट्रैफिक पुलिस से अनापत्ति रिपोटज़् भी मांगी है।
जिले में सबसे ज्यादा दूध के बूथ जिला मुख्यालय पर खोले जाने है। इसके लिए नगर परिषद और नगर विकास न्यास से फीडबैक लिया है। इस सूची के अनुसार श्रीगंगानगर शहर में 89, श्रीविजयनगर नगर पालिका क्षेत्र में 11, अनूपगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में 10, घड़साना क्षेत्र में 52, श्रीकरणपुर नगर पालिका क्षेत्र में 05, सूरतगढ़ क्षेत्र में 33, रायसिंहनगर क्षेत्र में 67, केसरीसिंहपुर में 08, पदमपुर क्षेत्र में 07, सादुलशहर में 14 और गजसिंहपुर क्षेत्र में महज तीन बूथ खोले जाएंगे।
इस बीच, करीब चालीस फीसदी बूथों पर ट्रैफिक पुलिस ने अपनी आपत्ति दजज़् कराई है। पुलिस का मानना है कि बूथ खोलने की सूची जारी की गई है, इसमें कई बूथ तो सड़क मागज़् में बाधक बन जाएंगे।
कई बूथ तो मुख्य चौराहों के आसपास खोलने के बारे में कहा गया है, यदि वहां ये बूथ खुले तो दुघज़्टना होने का अंदेशा अधिक हो जाएगा।