किसी भी मैच के बाद प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं या फिर जोड़कर नमस्ते करते हैं, लेकिन उज्बेक खिलाड़ी ने ऐसा नहीं किया। सोशल मीडिया पर आलोचना होने पर याकुबोएव ने सफाई देते हुए एक पोस्ट शेयर किया। याकुबोएव ने एक्स पर लिखा, ‘ प्रिय चेस फ़्रेंड्स, मैं वैशाली के साथ खेल में हुई स्थिति के बारे में बताना चाहता हूं। महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरा सम्मान है। मैं सभी को सूचित करना चाहता हूं कि मैं पराई महिलाओं को धार्मिक कारणों से नहीं छूता हूं।’
उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर ने आगे कहा, ‘मैं वैशाली और उनके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के रूप में सम्मान करता हूं। अगर मैंने अपने व्यवहार से उन्हें नाराज किया है तो मैं माफी मांगता हूं। मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं, शतरंज हराम नहीं है। मैं वही करता हूं जो मुझे करना चाहिए। मैं दूसरों से विपरीत लिंग के लोगों से हाथ नहीं मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने के लिए नहीं कहता। यह उनका काम है कि वे क्या करते हैं।’
नोदिरबेक याकुबोएव ने आगे लिखा, ‘आज मैंने इरिना बुलमागा (रोमानिया की चेस प्लेयर) को इसके बारे में बताया। वह इसके लिए सहमत हो गईं। लेकिन जब मैं खेल हॉल में आया, तो निर्णायकों ने मुझसे कहा कि मुझे कम से कम नमस्ते तो करना चाहिए। दिव्या और वैशाली के साथ मुकाबले से पहले उन्हें इसके बारे में नहीं बता सका और एक अजीब स्थिति बन गई।”
वैशाली ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया। लेकिन उन्होंने हाथ मिलाने से माना कर दिया था। आठ दौर के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं। प्रतियोगिता में पांच और दौर खेले जाने बाकी हैं।