बयान के बाद लोगों में आक्रोश
इस बयान के बाद पूरा देश हैरान है। सोशल मीडिया पर तरह तरह के मीम शेयर हो रहे हैं। लोग अपने विचार रख रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि तुम महिला पहलवानों ने मिलकर बेचारे बृजभूषण का टिकट कटवा दिया। एक दूसरे यूजर ने लिखा बृजभूषण को बेमतलब फसाया जा रहा था यह तो पहले ही समझ में आ रहा था। एक अन्य यूजर ने लिखा, “बृज भूषण बेचारा बोलता रहा कि मैं निर्दोष हूं पर किसी ने बात नहीं मानी।” एक यूजर ने तो इन पहलवानों को जेल भेजने तक की बात लिख दी और कहा कि ‘इनकी वजह से पूरी दुनिया में “भारतीय कुश्ती संघ” बदनाम हुआ है, इनको जेल में डाल देना चाहिए।’
क्या था पूरा मामला?
साल 2022 के आखिरी महीनों में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। इस मामले में शीर्ष भारतीय पहलवान जैसे विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने भी खुलकर अपनी आवाज़ उठाई और सरकार से इस मामले में कार्रवाई की मांग की। पहलवानों का यह धरना प्रदर्शन पहली बार जनवरी 2023 में दिल्ली के जंतर मंतर पर शुरू हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया था कि WFI के प्रमुख और अन्य अधिकारी महिला पहलवानों का शोषण कर रहे हैं, लेकिन इस मामले की जांच में देरी और कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण वे बार-बार धरने पर बैठने के लिए मजबूर हुए।
सरकार के आश्वासन के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन
सरकार ने एक समिति बनाई थी जो इन आरोपों की जांच कर रही थी, लेकिन पहलवानों का कहना था कि इस समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है और बृजभूषण शरण सिंह पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही थी। इस वजह से वे दोबारा धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो गए। पहलवानों ने अपना धरना समाप्त किया जब सरकार ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया और इस मामले में न्याय की प्रक्रिया शुरू हुई।