एमएमए डेब्यू को लेकर थोड़े बेचैन और परेशान संग्राम ने कहा, “मैं इसे एक रोमांचक अवसर के रूप में देखता हूं जो भगवान ने मुझे दिया है। ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं और आप केवल यही सोच सकते हैं कि इसे कैसे भुनाया जाए। मेरा पूरा फोकस इसका भरपूर लाभ उठाने पर होगा। मेरा लक्ष्य शानदार प्रदर्शन करना है, चाहे नतीजा कुछ भी हो।” संग्राम, जो गामा में मुख्य मुकाबले के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय पुरुष पहलवान हैं। पाकिस्तानी पहलवान के खिलाफ 93 किलोग्राम वर्ग एमएमए मुकाबले में अपनी पहली भागीदारी को लेकर काफी उत्साहित हैं।
“ऐसे प्रतिष्ठित मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। अगर आप वैश्विक कार्यक्रमों में भाग लेते समय अपने देश को नहीं देखते हैं, तो यह गलत है। मैं इस पद पर पहला भारतीय पुरुष पहलवान बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं और मेरा लक्ष्य अपने देश को गौरवान्वित करना है।” जॉर्जिया में होने वाली चैंपियनशिप में जॉर्जिया, आर्मेनिया, अजरबैजान, पाकिस्तान और यूक्रेन सहित पांच अन्य देश भाग लेंगे। व्यक्तिगत सफलता के अलावा, संग्राम को उम्मीद है कि एमएमए में उनका सफर भारत के युवाओं को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।