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IND vs GER Hockey Match: भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो में जर्मनी को धूल चटाकर जीता था ब्रॉन्ज, इस बार जीते तो बदल जाएगा पदक का रंग

Harmanpreet Singh on Hockey Semifinal Match: सेमीफाइनल से पहले भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि जर्मनी के खिलाफ उनकी टीम फाइनल खेलना चाहती थी।

नई दिल्लीAug 05, 2024 / 03:12 pm

Vivek Kumar Singh

India vs Germany: पेरिस ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में शानदार जीत के बाद हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय हॉकी टीम मंगलवार को जब जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में उतरेगी तो इस बार लक्ष्य मेडल का रंग बदलने का होगा। भारत के लिए हरमनप्रीत ने मैच के 22वें मिनट में गोल किया, जबकि ली मोर्टन ने 27वे मिनट में ब्रिटेन के लिए गोल किया। निर्धारित 60 मिनट तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर रहीं। इसके बाद शूटआउट के जरिये विजेता का फैसला हुआ जहां भारत ने 4-2 से मुकाबला अपने नाम किया। पीआर श्रीजेश एक बार फिर अपनी स्मार्ट गोलकीपिंग से टीम की जीत के हीरो रहे। अब सेमीफाइनल में भारत का सामना विश्व नंबर-2 टीम जर्मनी से होगा।
सेमीफाइनल से पहले कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि टीम एक चुनौतीपूर्ण प्रतिद्वंद्वी जर्मनी के खिलाफ फाइनल खेलना चाहती थी। हरमनप्रीत ने कहा, “हम फाइनल में जर्मनी से खेलना चाहते थे। कम से कम ओलंपिक खेलों से पहले टीम मीटिंग के दौरान हमने आपस में यही चर्चा की थी। वे एक चुनौतीपूर्ण प्रतिद्वंद्वी हैं और जब हम उनके खिलाफ खेलते हैं तो मैच आमतौर पर आखिरी सेकंड तक खिंचता है।” सेमीफाइनल मुकाबले से पहले भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा है क्योंकि उनके डिफेंडर और नंबर एक पेनल्टी कॉर्नर रशर अमित रोहिदास इस मैच में नहीं खेल सकेंगे क्योंकि उन पर एक मैच का बैन लगा है।
हरमनप्रीत ने आगे कहा, “अब ये चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं हैं। हालांकि सेमीफाइनल के लिए अमित का मैदान पर न होना एक बड़ा झटका है, लेकिन हम अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। रविवार को हमारे प्रदर्शन में जो बात सबसे अलग रही, वह थी अमित की तरह अहम स्थान पर अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने की टीम की क्षमता। हर खिलाड़ी ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाई और आखिरी मिनट तक हम लड़ते रहे।”

जर्मनी के खिलाफ जीत से पदक हो जाएगा पक्का

मौजूदा विश्व चैंपियन जर्मनी क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना के खिलाफ 3-2 से जीत के बाद सेमीफाइनल में पहुंची है। वे भारत के लिए एक परिचित प्रतिद्वंद्वी हैं। सबसे मशहूर मुकाबला टोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक मैच था, जहां भारत ने 5-4 से रोमांचक जीत दर्ज की और ओलंपिक खेलों में 41 साल का पदक सूखा खत्म हुआ। पेरिस ओलंपिक खेलों से पहले भारत ने अभ्यास मैचों में जर्मनी के साथ खेला था और हाल ही में भारत ने उनके खिलाफ खेले गए छह मैचों में से पांच में जीत हासिल की है। भारतीय फैंस को यही उम्मीद है कि टीम ओलंपिक खेलों के फाइनल में जगह बनाकर एक और शानदार उपलब्धि हासिल करे। भारतीय हॉकी टीम 1980 के बाद से ओलंपिक हॉकी के फाइनल में नहीं पहुंची है।

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