साल 2012 में हुआ था कार एक्सिडेंट
इस युवा शूटर ने विदेशी धरती पर भारत का नाम रोशन किया, तो अपनी स्माइल और सादगी भरे अंदाज से भी सबका दिल जीत लिया है। क्यूट अंदाज में पोज करना हो, खुले बाल या पिंकिश टोन मेकअप हर मामले में अवनी का कोई जवाब नहीं। लखनवी कुर्ती में क्यूट अदाएं, को-ऑर्ड और फॉर्मल लुक में स्टाइलिश अंदाज अवनी की तस्वीरो ने सोशल मीडिया पर कई बार हलचल मचाई है। साल 2012 में 11 साल की उम्र में एक कार एक्सीडेंट के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई लेकिन इसी के साथ उनके जीवन के नए अध्याय की भी शुरुआत हुई। इस एक्सीडेंट में अवनी की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। जिसके बाद उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। छोटी उम्र में व्हीलचेयर के साथ सफर शुरू करने वाली अवनी को उनके पिता ने काफी मोटिवेट किया। न सिर्फ खेल बल्कि पढ़ाई से लेकर अन्य एक्टिविटी में भी अवनी अवल रहीं। शुरुआती दौर में अवनी ने आर्चरी में भी हिस्सा लिया लेकिन उन्होंने शूटिंग को अपना जुनून बना लिया। एक मीडिया इंटरव्यू में अवनी ने कहा था कि उन्होंने अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा ‘ए शॉट एट हिस्ट्री’ पढ़ी, जिसके बाद उनकी निशानेबाजी में दिलचस्पी बढ़ने लगी। तभी से ही वह इसे अपना करियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने लगीं।
22 साल की अवनी लेखरा एक पैरालंपिक निशानेबाज हैं, जिन्होंने पेरिस 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने अपने ओलंपिक डेब्यू में टोक्यो 2020 में भी स्वर्ण पदक जीता था। यही नहीं वह लगातार दो बार गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाने वाली पहली महिला पैरालंपिक खिलाड़ी हैं। इस युवा एथलीट की कहानी साहस और प्रतिबद्धता की एक मिसाल है। एक बड़े हादसे का शिकार होने के बावजूद उन्होंने शूटिंग में अपना भविष्य बनाने का निर्णय किया और जल्द ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली। अवनी की सफलता न सिर्फ उनके व्यक्तिगत प्रयासों का नतीजा है, बल्कि यह सभी दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।