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राजस्थान के इस शहर के पहले एलिवेटेड रोड बनने की जगी आस…पढ़े पूरा मामला

जिला मुख्यालय पर 2021 में एलिवेटेड रोड बनाने की घोषणा की थी, लेकिन चार साल बाद भी काम शुरू नहीं हो सका। गत दिनों कमेटी ने फिर से मौका मुआयना किया। अब दिल्ली में होने वाली बैठक में अनुमति मिलने की उम्मीद है

राजसमंदNov 10, 2024 / 12:06 pm

himanshu dhawal

राजसमंद में यूं बनाया जाना प्रस्तावित है एलिवेटेड रोड

राजसमंद. शहर में बनने वाले पहले एलिवेटेड रोड की डेढ़ साल बाद फिर से आस जगी है। गत दिनों कमेटी के सदस्यों ने मौका मुआयना किया। कमेटी के अपनी रिपोर्ट सौंपने के पश्चात दिल्ली में होने वाली बैठक में तीसरी बार भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। रिपोर्ट अनुकूल होने पर एलिवेटेड रोड निर्माण की अनुमति मिल सकती है। हालांकि एलीवेटेड रोड निर्माण की घोषणा करीब तीन साल पहले की गई थी। शहर में प्राचीन पुष्टिमार्गीय वैष्णव संप्रदाय की तृतीय पीठ का द्वारकाधीश मंदिर है। यहां पर प्रतिदिन सैंकडों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन मंदिर मार्ग अत्यंत संकरा व ढलान वाला है। ऐसे में मंदिर तक आवाजाही को सुगम बनाने की मांग वर्षो से की जा रही है। नगर परिषद के चुनाव 2021 में हुए थे। यहां पर कांग्रेस का बोर्ड बनने के बाद जनसंवाद में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पीजोशी की अनुशंसा पर तत्कालीन स्वायत्त शासन मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने मंदिर तक आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग के लिए करीब 30 करोड़ की घोषणा की थी। डीपीआर तैयार करवाने के लिए 21 लाख भी स्वीकृत किए गए हैं। इसके लिए दो बार प्रस्ताव बनाकर राष्ट्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली को भेजा गया, लेकिन पुरातत्व विभाग के स्मारक नौ-चौकी के 100 मीटर के दायरे में निर्माण प्रतिबंधित होने के कारण प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। इसके पश्चात विधान सभा चुनाव से पहले तीसरी बार प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। उक्त मामले के लिए करीब डेढ़ साल पहले कमेटी बनाई गई थी। गत दिनों उदयपुर पुरातत्व विभाग के अधीक्षक एवं राष्ट्रीय प्राधिकरण स्मारक प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रारूपकार रजनीकांत वर्मा ने मौका मुआयना कर मामले की पूरी जानकारी ली। अब यह अपनी रिपोर्ट सौंपेगे। इसके पश्चात दिल्ली में प्राधिकरण की बैठक में नगर परिषद की ओर से तीसरी बार भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा करने के बाद प्रस्ताव अनुकूल रहने पर ही निर्माण की अनुमति मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि नौ-चौकी पुरातत्व विभाग के अन्तर्गत आती है। ऐसे में स्मारक के 100 मीटर में दायरे में निर्माण प्रतिबंधित होता है। इसके बाद भी 200 मीटर क्षेत्र में निर्माण के लिए एनओसी की आवश्यकता होती है। उक्त एनओसी नहीं मिलने के कारण एलिवेटेड रोड तीन साल से अटका हुआ है।

इस प्रकार भेजा तीसरा प्रस्ताव

जानकारों के अनुसार नगर परिषद की ओर से विधानसभा चुनाव से पहले तीसरी बार प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेजा गया। इसमें नौ-चौकी के नीचे अरविन्द स्टेडियम के पीछे से वन विभाग की जमीन से होते हुए दयालशाह किले के पास से होते हुए द्वारकाधीश मंदिर तक जाने वाले मार्ग की पीपीटी तैयार करवाकर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण को भेजी गई है। वहां से उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की स्थिति में इसके अन्तर्गत आने वाली वन विभाग की जमीन के लिए अनुमति की कार्रवाई की जाएगी। पहले नौ-चौकी से हुसैनी मस्जिद, सलूस रोड, अखाड़ा होते हुए द्वारिकाधीश मंदिर के नीचे स्थित जलघरा घाट तक एलीवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, जिसे निरस्त कर दिया गया। इसके बाद झील के निकट से प्रस्ताव बनाकर भेजा था, जिसे भी निरस्त कर दिया गया था।

400 मीटर का होगा एलिवेटेड रोड

सेवाली से द्वारकाधीश मंदिर तक जाने के लिए करीब 3300 मीटर रोड का निर्माण होगा। इसमें एलिवेटेड रोड करीब 400 मीटर का होगा। इसके साथ ही पार्किंग बनाने सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना प्रस्तावित है। हाइवे से प्रवेश करने वाले मार्ग को भी चौड़ा किया जाना प्रस्तावित है।

प्रस्ताव भेजा हुआ है, बैठक का इंतजार

एलिवेटेड रोड के लिए तीसरी बार प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है। अब दिल्ली में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण की बैठक का इंतजार है। उसमें अनुमति मिलने पर काम में गति आएगी।

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