script500 रुपए तक बढ़े इस फसल के दाम, विदेशों से भी आ रही गजब की डिमांड | The price of Milet Bajra crop has increased by 500 rupees, there is a huge demand from abroad as well | Patrika News
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500 रुपए तक बढ़े इस फसल के दाम, विदेशों से भी आ रही गजब की डिमांड

केंद्र सरकान ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2625 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है, लेकिन बाजार में यह भाव नहीं मिलता।

धौलपुरNov 05, 2024 / 11:56 am

Akshita Deora

Rajasthan News: समय के साथ अब बाजरा की भी मांग साल दर साल बढ़ती जा रही है। जिस कारण इसके भाव भी अब बढ़ने लगे हैं। हालांकि इस सीजन को छोडकऱ अन्य सीजन में बाजरा की अच्छी पैदावार होने के बावजूद भी दाम बढ़ते रहे। पिछले तीन सालों के भाव पर नजर डालें तो इन तीन सालों में 510 रुपए बाजरा के दामों में वृद्धि हुई है।
बाजरा मुख्य रूप से मोटा अनाज माना जाता है। जो पाचन के लिहाज से बेहतर होता है। पहले बाजरा का अधिक प्रयोग दक्षिण राज्यों में मुर्गी पालन के लिए किया जाता है। लेकिन अब देश और विदेश में बढ़ती बाजरे की मांग और विभिन्न कार्यों में इसके उपयोग के कारण इनके दामों में वृद्धि देखी जा रही है। 2022 में बाजरा के भाव 1915 रुपए रहा तो अगले साल यह 2110 पर पहुंच गया। 2024 में यही भाव 510 रुपए बढकऱ 2425 रुपए पहुंच गए। जानकारी के अनुसार आगे आने वाले दिनों में सर्दी का असर दिखने लगेगा जिसके चलते और लोग इसे खरीद रहे हैं।
bajra demand

125 क्विंटल बाजरा की हुई खरीदी


धौलपुर जिला में बाजरा की पैदावर अच्छी खासी होती है। लेकिन इस सीजन अतिवृष्टि के कारण सैकड़ों हेक्टेयर बाजरा की फसल बर्बाद हो गई। इस सीजन अक्टूबर से अभी तक जिले भर से सैकड़ों किसानों से 4 हजार क्विंटल बाजरा की खरीदी व्यापारी कर चुके हैं। सोमवार को भी 125 क्विंटल बाजरा की खरीदी की गई है। व्यापारियों की मानें तो इस सीजन 20 प्रतिशत भी बाजरा की आवक नहीं हो रही है। अन्य ब्लॉकों में रहने वाले किसान अब बाजरा वहीं बेच देते हैं। तो वहीं मण्डी रेट के भाव कम होने के कारण किसान आढ़तियों को बाजरा दे रहे हैं।
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आनाज मण्डी में प्रारंभ नहीं हुआ बाजरा खरीदी


एमएसपी पर बात नहीं बनने के कारण अभी तक मण्डी में बाजरा खरीदी का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। राजस्थान में इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद मुश्किल है। जिसका कारण केंद्र सरकार के जरूरी बजट देने से इनकार करना है। ऐसे में राजस्थान सरकर भी बाजरे की सरकारी खरीद से हाथ खींच रही है।
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केंद्र सरकान ने बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2625 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है, लेकिन बाजार में यह भाव नहीं मिलता। एमएसपी पर बाजरा खरीदी के लिए सरकार को अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ती है। जो केंद्रीय मदद के बिना राज्य सरकारों के लिए यह चुनौतीपूर्ण कार्य है।
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