राजस्थान पत्रिका के 28 जून के अंक में गोपीलाल की जिन्दगी पर घिरे संकट के बादल, शीर्षक से समाचार प्रकाशित करने के बाद में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजसमंद व स्थानीय प्रशासन के द्वारा मामले को गंभीरता से लिया गया। पत्रिका ने समाचार के माध्यम से प्रमुखता से सेगंणवास निवासी गोपीलाल की समस्या से अवगत कराया गया था कि घर के मुखिया की पत्नी फेफी बाई मानसिक रूप से कमजोर हुई, जिसका उपचार शुरू ही किया था कि पुत्र की भी मानसिक स्थिति भी बिगड़ गई। इससे उन दोनों की देखरेख के कारण वह मजदूरी पर भी नहीं जा पा रहा।
इसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनीष कुमार ने गम्भीरता से लेकर प्रसंज्ञान लेते हुए थानाधिकारी पुलिस थाना आमेट एवं उपखण्ड अधिकारी आमेट को मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 की धारा 100 से 102 के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्यवाही करने तथा पीडि़त परिवार में घर के मुखिया की पत्नी एवं पुत्र का ईलाज कराने के निर्देश दिए थे। इस पर उपखण्ड अधिकारी एवं थानाधिकारी आमेट द्वारा चिकित्सा विभाग के सहयोग से पुलिस बल की मौजूदगी में मानसिक अशक्तता से ग्रस्त उक्त महिला तथा उसके पुत्र को महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर के मानसिक रोग विभाग में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
इसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनीष कुमार ने गम्भीरता से लेकर प्रसंज्ञान लेते हुए थानाधिकारी पुलिस थाना आमेट एवं उपखण्ड अधिकारी आमेट को मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 की धारा 100 से 102 के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्यवाही करने तथा पीडि़त परिवार में घर के मुखिया की पत्नी एवं पुत्र का ईलाज कराने के निर्देश दिए थे। इस पर उपखण्ड अधिकारी एवं थानाधिकारी आमेट द्वारा चिकित्सा विभाग के सहयोग से पुलिस बल की मौजूदगी में मानसिक अशक्तता से ग्रस्त उक्त महिला तथा उसके पुत्र को महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर के मानसिक रोग विभाग में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
प्राधिकरण के जिला सचिव ने बताया कि उपखण्ड अधिकारी आमेट की रिपोर्ट के अनुसार गोपीलाल की पत्नी व उसके पुत्र को दिव्यांग पेंशन मिल रही है तथा खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्रतिमाह 30 किलोग्राम राशन मिल रहा है। गोपीलाल को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी मिल चुका है। प्राधिकरण के पेरालीगल वॉलेन्टियर धर्मेश खटीक ने भी प्राधिकरण के आदेश पर मौके पर जाकर प्रशासन एवं पुलिस के उक्त कार्य में सहयोग किया। पीएलवी को भविष्य में निरन्तर उक्त परिवार की जानकारी प्राप्त करने व प्राधिकरण को अवगत कराने के लिए निर्देशि किया गया।