शहडोल. मोहनराम तालाब मंदिर में परिसर में आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ में दूसरे दिन से हवन पूजन की तैयारियां प्रारंभ हो गई है। यहां बुधवार की सुबह 8 बजे मंत्रोच्चरण के साथ यज्ञ वेदी में अग्नि मंथन कार्यक्रम होगा। इसके साथ ही हवन कार्यक्रम प्रारंभ होगा। इसके पूर्व सोमवार को नगर में भव्य कलश यात्रा के साथ 2 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलने वाले महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। मंगलवार की सुबह विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद वृन्दावन, बनारस, चित्रकूट व ओडिशा से आए विद्वानों ने 4 वेद, 6 शास्त्र और 18 पुराणों का परायण प्रारंभ कर दिया है। इस महायज्ञ को लेकर यजमानों में विशेष उत्साह देखने मिल रहा है। सुबह से स्नान ध्यान कर वह यज्ञ स्थल पर पहुंच पूजा अर्चना में शामिल हो रहे हैं। आयोजन समिति पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने हर संभव प्रयास में लगी है। यज्ञ में शामिल होने वाले यजमानों के साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
यज्ञस्थल में जानौल से पधारे माधवाचार्य महाराज के मुखारबिंद से कृष्ण लीलाओं का वर्णन भी किया जा रहा है। इसे श्रवण करने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। कथा के पहले दिन कथा व्यास माधवाचार्य ने कहा कि परम पिता परमेश्वर सबमें समाए हुए हैं। सबमे उसी का प्रकाश है जिसे हम मानते है, जिनसे यह चैतन्य है। भगवान के प्रकाश से सारा विश्व प्रकाशमान है और क्रियाशील दिखाई पड़ रहा है। उसके एक बिंदु आनंद अंश से तीनो लोक आनंद में भर जाते हैं। उन्हे आनंद का असीम सागर माना गया है। सच्चिदानंद आनंद बिंदु है। इस अवसर पर उन्होने श्रीमद् भागवत व रामचरित मानस के कई अंशो के माध्यम से भगवान सच्चिदानंद के गुणों का बखान किया।
Hindi News / Special / विद्वान कर रहे वेद, शास्त्र और पुराणों का पारायण, कृष्ण कथा सुना भाव विभोर हुए श्रोता