जिम्बाब्वे सरकार ने वर्ष 2008 में जारी किया था
मेवाड़ फिलेटरी के सचिव महेन्द्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2008 में खाद्य संकट से जूझ रहे अफ्रीकन देश जिम्बाब्वे की सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी मुद्रा अस्सी लाख करोड़ (वन हंड्रेड ट्रिलियन डॉलर्स) का नोट जारी किया था। उस समय वहां की सरकार और जिम्बाब्वे रिजर्व बैंक का मानना था कि करोड़ों की मुद्रा में नोट छापकर उसको आर्थिक संकट से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन देश को इसका बिल्कुल विपरीत परिणाम मिला। भारत में अब तक 10 हजार रुपए से ज्यादा मुद्रा का नोट नहीं छापा है। यह भी पढ़ें – Video : भजनलाल सरकार के मंत्री ने अनूठे तरीके से किया औचक निरीक्षण, चौंके अफसर और कर्मचारी जिम्बाब्वे के डॉलर की साइज 15 सेमी लम्बी और 4 सेमी चौड़ी
महेन्द्र शर्मा ने बताया कि जिम्बाब्वे के डॉलर की साइज 15 सेमी लंबी और 4 सेमी चौड़ी है। नोट के आगे की तरफ पहाड़, पेड़ आदि दर्शाए गए हैं। वही पीछे की तरफ बहुत बड़े झरने के साथ एक भैंसे का चित्र प्रदर्शित किया गया है। गवर्नर के रूप में डॉ. जी. गोनो के हस्ताक्षर है। नोट पर हरारे के साथ रिजर्व बैंक ऑफ जिम्बाब्वे भी लिखा गया है।
कलेक्शन में विश्व के 211 देशों के पेपर नोट करेंसी शामिल
महेन्द्र शर्मा के कलेक्शन में विश्व के 211 देशों के पेपर नोट करेंसी के साथ कुछ देशों की पेपर नोट करेंसी सीट भी संग्रहित है। जिम्बाब्वे के साथ ही युगोस्लोविया में छपे बड़ी मुद्रा के नोट भी है।