सोन नदी में ढ़ाई हजार करोड़ से सिंचाई योजनाओं का प्रस्ताव, सिंचित होगी किसानों की 50 हजार हेक्टेयर भूमि
जल संसाधन विभाग ने शासन को भेजा ढाई हजार करोड़ का प्रस्ताव, किसानों को मिलेगा लाभ
शहडोल. सोन नदी के पानी का लाभ अब जिले के किसानों को भी मिलेगा। वर्षा जल व स्वयं के संसाधनों पर किसानों की निर्भरता कम होगी। जल संसाधन विभाग ने जिले के चार स्थानों पर सोन नदी में बैराज बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। शासन स्तर से इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गर्ई। प्रस्ताव के परीक्षण के बाद इसे मंजूरी मिलती है तो जिले का एक बड़ा क्षेत्र सिंचित होगा और किसान अपने खेतों में दोनों सीजन की खेती कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि जिले की सीमा से होकर बहने वाली इस प्रमुख नदी का लाभ जिले वासियों को नहीं मिल पा रहा था। अब इसके पानी का उपयोग पीने के साथ ही सिंचाई में भी उपयोग किए जाने की योजना है। जल निगम इसके लिए अलग-अलग जगह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर इसके पानी का उपयोग पेयजल सप्लाई के लिए कर रहा है। इसके अलावा अब किसानों को सिंचाई के लिए भी इसका पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।
पेयजल के लिए 12 एमसीएम पानी
विभागीय अधिकारियों की माने तो जिले में बनने वाले 4 बैराजों में से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के साथ ही पानी का उपयोग पेयजल आपूर्ति के लिए भी किया जा सकेगा। इसके लिए लगभग 12 एमसीएम (मीट्रिक क्यूबिक मीटर) पानी आरक्षित रहेगा। इसका उपयोग फिल्टर प्लांट में लिफ्ट कर पेयजल आपूर्ति के लिए भी किया जा सकेगा। शहडोल नगर में जलापूर्ति के लिए नगर पालिका ने भी प्रस्ताव भेजा है। नगर पालिका चाहे तो अलग से बैराज न बनाकर या जल संसाधन विभाग के बैराज से ही पानी उपयोग में ले सकती है।
परीक्षण के बाद मिलेगी स्वीकृति
विभाग ने तीन माह पूर्व यह प्रस्ताव शासन को भेजा था। बताया जा रहा है कि शासन स्तर से प्रस्ताव के सभी पहलुओं पर गहनता से परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के बाद ही शासन स्तर से इस पर निर्णय लिया जाएगा। शासन स्तर से प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो आगे की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
बैराज बनाकर कैनाल से करेंगे पानी सप्लाई
जल संसाधन विभाग ने किसानों की भूमि को सिंचित करने के लिए जिले के चार स्थानों पर बैराज बनाने का प्रस्ताव तैयार किया। इसमें शहडोल, बुढ़ार, गोहपारू और जयसिंहनगर में सोन नदी पर बैराज बनाने की कार्ययोजना बनाई गई है। इससे कैनाल के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। सिंचाई के लिए पानी मिलने से किसानों की वर्षा जल व स्वयं के संसाधनों पर निर्भरता कम होगी। साथ ही अभी तक जो जमीन उनकी एक फसली थी वह उसमें भी आसानी से खरीफ के साथ रबी की बोनी भी कर सकेंगे।
सितंबर में भेजा ढाई हजार करोड़ का प्रस्ताव
जिले में सिंचाई का रकवा बढ़ाने व सोन नदी के पानी का लाभ जिले वासियों को दिलाने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग ने लगभग ढ़ाई हजार करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर सितम्बर माह में भोपाल भेजा है। इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलती है तो जिले की लगभग 50 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
इनका कहना है
जिले की लगभग 50 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित करने सितंबर माह में प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। सोन नदी में बैराज बनाकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की कार्ययोजना है। शासन स्तर से मंजूरी मिलने के बाद इसमें आगे की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
प्रतीक खरे, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग
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