इसलिए अमरवाड़ा की चर्चा क्योंकि विधायक ने बदली पार्टी
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 का रिकॉर्ड देखा जाए तो भाजपा ने चौरई, परासिया, पांढुर्ना और सौंसर विधानसभा से जीत हासिल कर ली थी, लेकिन जुन्नारदेव, अमरवाड़ा और छिंदवाड़ा विधानसभा से उसे कांग्रेस से पराजित होना पड़ा था। राजा कमलेश शाह की प्रतिष्ठा के चलते अमरवाड़ा में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 22256 वोट के अंतर से विजय हासिल की थी। इससे कमतर छिंदवाड़ा से लीड 15 हजार वोट तथा जुन्नारदेव से 11 हजार वोट की थी। इस बार 2024 में पूरा राजनीतिक दृश्य बदल गया है। कमलेश इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। छिंदवाड़ा से पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, शहपुरा के बंटी पटेल ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। इसके अलावा जुन्नारदेव में भी राजनीतिक फेरबदल हुए हैं। ऐसे में इन तीन विधानसभाओं के वोटों की गिनती पर हर किसी की नजर होगी।
कांग्रेस-भाजपा के वोटिंग शेयर में आया था अंतर
वर्ष 2014 में कांग्रेस का वोट शेयर 51.73 प्रतिशत था, जो 2019 में घटकर 47.05 प्रतिशत पर आया। भाजपा पिछले चुनाव के 40.96 प्रतिशत वोटिंग शेयर को 44.04 प्रतिशत करने में कामयाब रही थी। इस बार के वोटिंग शेयर भी देखना काफी दिलचस्प होगा।