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सुविधाओं के अभाव में मरीज परेशान

नाम बड़े दर्शन खोटे यह कहावत है इन दिनों नमाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सटीक बैठ रही है। सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तो कर दिया, लेकिन क्षेत्र के लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

बूंदीJun 09, 2024 / 06:46 pm

पंकज जोशी

नमाना अस्पताल के मुय गेट के बाहर खड़े वाहन।

नमाना. नाम बड़े दर्शन खोटे यह कहावत है इन दिनों नमाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सटीक बैठ रही है। सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तो कर दिया, लेकिन क्षेत्र के लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।यहां छह चिकित्सक लगे हुए हैं, लेकिन रोज एक चिकित्सक ही सेवा ही देता है।
चिकित्सकों ने रोटेशन प्रणाली के तहत अपनी ड्यूटी लगा रखी है। सोमवार को भी अस्पताल में एक चिकित्सक रोगियों का उपचार कर रहा था। दूसरा चिकित्सक 11:30 बजे अस्पताल में आए। जब तक रोगी वापस निकल चुके थे। क्षेत्र के रोगियों का कहना है कि समय पर चिकित्सक नहीं मिलने व व्यवहार सही नहीं होने से रोगियों को बूंदी,कोटा व बिजोलिया उपचार करने के लिए जाना पड़ता है, जिससे रोगियों को समय व आर्थिक नुकसान उठना पड़ता है। इस अस्पताल में करीब चार दर्जन गांवों के लोग अपना उपचार करने आते हैं, लेकिन समय पर चिकित्सक नहीं मिलने की वजह से बैरंग लौटना पड़ता है। नर्सिंग स्टाफ के भरोसे रात के समय अस्पताल
नमाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रात के समय भी नर्सिंग स्टाफ के भरोसे रहता है।रात्रि के समय कोई चिकित्सक नहीं रहने से नर्सिंग कर्मी यहां आने वाले रोगियों को उपचार के लिए रेफर कर देते हैं। कई रोगी तो साधन की व्यवस्था नहीं होने की वजह से रात भर अस्पताल में ही रहने का मजबूर रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय चिकित्सक नहीं रहने से प्रसुताओं को भी नर्सिंग कर्मी रेफर कर देते हैं। भाजपा मंडल महामंत्री गौरी शंकर शर्मा का कहना है कि चिकित्सकों ने रोटेशन प्रणाली के तहत अपनी ड्यूटी लगा रखी है, जिससे एक चिकित्सक रोज आता है, बाकी चिकित्सक अपने हिसाब से दूसरे दिन आते हैं।इसकी शिकायत पहले भी जिला कलक्टर व मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी बूंदी से कर चुके हैं, फिर भी चिकित्सा सेवा में कोई सुधार नहीं हुआ है।
एमएलसी करने में भी आती है दिक्कत
नमाना अस्पताल में रात के समय चिकित्सक नहीं रहने से पुलिस कर्मियों को भी मेडिकल रिपोर्ट करवाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है । सहायक उप निरीक्षक राकेश ने बताया कि 20 दिन पहले की एमएलसी अभी तक नहीं हुई है। अस्पताल के चार बार चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन चिकित्सक नहीं मिलते हैं। कई बार चिकित्सक मिलते हैं तो एमएलसी करने के लिए दूसरे दिन बुलाते हैं। 13 मई को एमएलसी करने के लिए गए थे, लेकिन वह एमएलसी अभी तक नहीं हुई है, वहीं रात के समय तो कोई चिकित्सक अस्पताल में उपस्थित नहीं रहता जिससे एमएलसी करने के लिए बूंदी जाना पड़ता है।
अस्पताल में छह चिकित्सा के की पोस्ट है। चार चिकित्सक यहां पद स्थापित है। ग्रामीणों का आरोप गलत है। समय पर सभी चिकित्सक आते हैं। रात के समय भी चिकित्सक अपनी सेवाएं देते हैं। रहा एमएलसी का सवाल तो इसको मैं दिखाता हूं। डॉ.ओपी मीणा नमाना अस्पताल

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