शहडोल. जंगल से निकलकर वन्यजीव रिहायसी क्षेत्रों में पहुंच रहे है। वन्यजीवों के मूवमेंट से ग्रामीण अंचल डरे सहमे हुए हैं। स्थिति यह है कि शाम के बाद लोगा घरों से निकलने से भी घबरा रहे हैं। जिले के ब्यौहारी वन परिक्षेत्र के साथ ही अब अनूपपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र केशवाही से लगे ग्रामीण अंचलो में भी बाघ का मूवमेंट देखने मिल रहा है। हाल ही में राहगीरों ने बीच सडक़ में बाघ को विचरण करते हुए देखा था। इसके बाद किसी प्रकार से राहगीर अपनी जान बचाकर वहां से निकल पाए। इसके पूर्व हाथियों का मूवमेंट भी इस क्षेत्र में रहा है। वन्यजीवों के इस तरह से रिहायसी क्षेत्र में मूवमेंट चिंता का विषय बनता जा रहा है। इनके प्रबंधन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार दक्षिण वनमंडल के केशवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत सडक़ किनारे बाघ के नजर आने के बाद वन विभाग सक्रिय हो गया है। आस-पास के सीमावर्ती क्षेत्रों में मुनादी कराने के साथ ही बाघ को ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जंगल में बाघ के पगमार्क खंगाले जा रहे हैं। पगमार्क के आधार पर यह तय हो पाएगा कि बाघ का मूवमेंट किस दिशा में है। उल्लेखनीय है कि गत् रात्रि राहगीरों को केशवाही वन परिक्षेत्र के जरहा टोला व कोपरा के बीच बाघ नजर आया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वारयल हो रहा है। क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी की सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी अंकुश तिवारी व उनकी टीम क्षेत्र में सक्रियता से बाघ की तलाश में जुट गई है। आस-पास के 10-12 गांवो में मुनादी कराई गई है। लोगों को समझाइश दी जा रही है कि वह अकेले जंगल की ओर न जाएं। इसके अलावा मंगलवार को वन विभाग की टीम बाघ के पगमार्क तलाशने में जुटी रही। लगभग 4-5 किमी के दायरे में तीन से चार स्थान पर बाघ के पगमार्क भी मिले हैं। इन्हें चिन्हित कर विभाग जानकारी जुटा रहा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी अंकुश तिवारी ने बताया कि जो पगमार्क मिले हैं वह बिखरे हुए हैं, जिस वजह से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि बाघ का मूवमेंट किस दिशा में है। इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है।
Hindi News / Special / राहगीरों को बीच सडक़ पर विचरण करते दिखा बाघ, वन विभाग तलाश रहा पगमार्क, गांव में करा रहे मुनादी