खास खबर

पहली बार किसी भारतीय महिला वैज्ञानिक पर बनाई बार्बी डॉल

विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणितीय विषयों में स्कूली छात्राओं को प्रोत्साहन देने के लिए ‘स्टेम-थीम्ड’ बार्बी डॉल्स लान्च कर रही कंपनी

Nov 23, 2019 / 08:06 pm

Mohmad Imran

अपने बच्चों खासकर बेटियों के लिए बार्बी गुडिय़ा खरीदने के लिए अब माता-पिता के पास खुशी की दोहरी वजह हैं। ये खूबसूरत गुडिय़ां अब खेलने के साथ बच्चियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित विषयों में कॅरियर बनाने के लिए भी उन्हें प्रोत्साहित करेगी। बार्बी डॉल्स बनाने वाली मैटल कंपनी ने लड़कियों की इन विषयों में रुचि जगाने के उद्देश्य से बार्बी के 60 साल पूरे होने पर प्यारी छवि को बदलते हुए उसे एक वैज्ञानिक, डॉक्टर, अंतरिक्ष यात्री और इंजीनियर के रूप में भी बाजार में उतारा है। कंपनी का मानना है कि बचपन में इन गुडियों के साथ खेलने वाली लड़कियों में स्टेम विषयों में कॅरियर बनाने की रुचि जागेगी।
इसी क्रम में अब कंपनी ने नेशनल ज्योग्राफिक और यूटा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर भारतीय मूल की अमरीकी वैज्ञानिक और इकोलॉजिस्ट नलिनी नाडकर्णी पर भी एक बार्बी डॉल लॉन्च की है। पर्यावरणविद और पारिस्थितिकी विशेषज्ञ नलिनी के जरिए कंपनी अब जलवायु परिवर्तन और लुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए भी छोटी स्कूली बच्चियों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है।
पहली बार किसी भारतीय महिला वैज्ञानिक पर बनाई बार्बी डॉल
संभवत: पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक
लोकप्रिय खिलौना निर्माता कंपनी ने संभवत: पहली बार किसी भारतीय महिला वैज्ञानिक को बार्बी के रूप में ढाला है। बार्बी के इन नए अवतारों के पीछे कंपनी का उद्देश्य अन्वेषण, विज्ञान, संरक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में विविधता को बढ़ावा देना है। नलिनी नादकर्णी का कहना है कि उन्होंने 15 साल पहले इस पर विचार किया था कि एक वन पारिस्थितिकीविद के रूप में उनके काम को लड़कियों तक पहुंचाने और उनके करियर का प्रतिनिधित्व करने में बार्बी डॉल्स सक्षम थीं। यह न केवल उन्हें पारंपरिक क्षेत्रों से अलग कॅरियर बनाने की ओर प्रेरित करेंगी बल्कि अधिक स्टेम विषयों के अध्ययन के लिए भी प्रेरित कर सकती थी। हालांकि उस समय उनके इस विचार पर न तों कंपनी ने दिलचस्पी दिखाई न ही कोई अन्य खिलौना कंपनी ही आगे आई।
पहली बार किसी भारतीय महिला वैज्ञानिक पर बनाई बार्बी डॉल
खुद की बेटियों को प्रेरित करने की शुरुआत

अपने आइडिया पर उन्हें इतना विश्वास था कि उन्होंने खुद ही ऑनलाइन गुडिय़ा खरीदकर उन्हें स्टेम प्रोफेशनल्स के जैसे ड्रैस-अप करना शुरू कर दिया। लेकिन बीते साल नेशनल ज्योग्राफिक औँर मैटल कंपनी ने उनसे संपर्क किया और बताया कि वे उन्हें बार्बी डॉल के रूप में ढालना चाहते हैं। वे गुडिय़ा बनाने के पांच सदस्यीय एक्सपर्ट सलाहकारों के पैनल में भी शामिल रहीं।
पहली बार किसी भारतीय महिला वैज्ञानिक पर बनाई बार्बी डॉल
बार्बी की इन नई प्रेरक शृंखला में इस बार कंपनी ने वन्यजीव संरक्षणवादी, एस्ट्रोफिजिसिस्ट, पोलर मरीन बायोलॉजिस्ट, वाइल्डलाइफ फोटोजर्नलिस्ट और एंटोमोलॉजिस्ट को भी शामिल किया है। नलिनी की बार्बी बिल्कुल उनके जैसे दिखाई देती है जो रबर के जूते, दूरबीन और एक रस्सी के साथ अपने चिर-परिचित अंदाज में नजर आती हैं।

Hindi News / Special / पहली बार किसी भारतीय महिला वैज्ञानिक पर बनाई बार्बी डॉल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.