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देश के महानगरों की लाइफलाइन हैं मेट्रो, नए प्रोजेक्ट को बजट से उम्मीदें

लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार से रेल सेवाओं के विकास व विस्तार की उम्मीदें

कई शहरों में चल रहे मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रोजेक्ट, प्रस्तावित नेटवर्क को भी गति मिले

नई दिल्लीJul 20, 2024 / 02:42 pm

Kanaram Mundiyar

मेट्रो के नए प्रोजेक्ट को बजट से उम्मीदें

मेट्रो के नए प्रोजेक्ट को बजट से उम्मीदें

नई दिल्ली/जयपुर.  राजधानी दिल्ली व महानगर मुम्बई समेत अन्य मेट्रो शहरों में मेट्रो रेल का नेटवर्क हर आम और खास के लिए लाइफलाइन से कम नहीं है। मेट्रो के विस्तार व रफ्तार के साथ लाखों लोगों की जिन्दगी के सफर का दायरा भी बढ़ रहा है। मेट्रो रेल सेवा ने न केवल बड़े शहरों की रफ्तार को नई दिशा दी बल्कि सार्वजनिक परिवहन के सफर का अंदाज भी बदल रहा है। बड़े शहरों में लोगों की जिन्दगी भी मेट्रो व लोकल ट्रेनों के इर्द-गिर्द घूमती दिखाई देती है।
देश में मेट्रो रेल नेटवर्क (रेपिड ट्रांजिट सिस्टम) की शुरूआत 24 अक्टूबर 1984 को कोलकाता शहर से हुई थी। इसके बाद अन्य शहरों में मेट्रो का जाल बिछना शुरू हुआ। 40 साल के समय अन्तराल में अब तक देश की राजधानी दिल्ली समेत 17 शहरों में 38 लाइनों पर 945 किलोमीटर की दूरी तक मेट्रो का जाल बिछ चुका है। वहीं कई शहरों में मेट्रो के नए प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नए प्रोजेक्ट सहित 1000 किलोमीटर मेट्रो निर्माण का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में भारत का मेट्रो नेटवर्क चीन व अमेरीका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे लम्बा है और दूसरे स्थान का रेकार्ड बनाने की ओर अग्रसर है। देश में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने के साथ रेल सेवाओं व मेट्रो नेटवर्क के क्रमिक विकास व विस्तार की उम्मीदें आगामी बजट के लिए परवान चढ़ी हुई है।

मेट्रो रेल नेटवर्क : स्थिति एक नजर

दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरु, हैदराबाद, नागपुर, अहमदबाद, नोएडा, कोच्चि, लखनऊ, गुरूग्राम, जयपुर, पुणे व कानपुर में मेट्रो का संचालन हो रहा है। भोपाल, इन्दौर, पटना, आगरा, सूरत में कार्य प्रगति पर है। भोपाल व इंदौर में ट्राइल रन हो चुका है। वहीं थाणे, प्रयागराज, वाराणसी, विशाखापट्टनम, मेरठ, गुवाहटी, ग्वालियर, देहरादून, श्रीनगर, कोयम्बटूर, बरेली व रांची में मेट्रो नेटवर्क प्रस्तावित है। केन्द्र सरकार की योजना के तहत देश के 50 शहरों में मेट्रो का नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य है। अब नई मेट्रो ट्रेनों में वंदेभारत ट्रेनें शामिल होनी है। वंदेभारत मेट्रो ट्रेनों की शुरूआत मुम्बई से होगी। ऐसी मेट्रो कम दूरी वाले शहरों के बीच भी चलाई जाएगी।

कोलकाता में भारतीय रेलवे की मेट्रो

भारतीय रेलवे की अपने क्षेत्र की एक मात्र मेट्रो कोलकाता शहर है। इसके अलावा रेपिड ट्रांजिट मेट्रो भारतीय रेलवे द्वारा संचालित नहीं है। ये ट्रांजिट स्थानीय प्राधिकरणों का अलग समूह है। अपने मेट्रो सिस्टम के अलावा चेन्नई, हैदराबाद शहरों में भारतीय रेलवे द्वारा संचालित बड़े पैमाने पर ट्रांजिट सिस्टम है।

मेट्रो रेल के रोचक बिन्दु

-भारत की पहली मेट्रो का संचालन कोलकाता शहर में एस्प्लानेड से भवानीपुर (नेताजी भवन) के बीच 24 अक्टूबर 1984 को हुआ।

-भारत में मेट्रो का सबसे बड़ा नेटवर्क दिल्ली मेट्रो का है। सबसे लम्बा रूट दिल्ली पिंक लाइन मेट्रो का है, जो 59 किलोमीटर की दूरी कवर करता है।
-भारत की पहली अंडरवाटर ट्रेन मेट्रो कोलकाता में 6 मार्च 2024 को एस्प्लानेड से हावड़ा मैदान के बीच शुरू हुई।-भारत का सबसे बड़ा व गहरा मेट्रो स्टेशन हावड़ा का ईस्ट-वेस्ट मेट्रो स्टेशन है।

दिल्ली मेट्रो : विश्व रेकाॅर्ड की ओर अग्रसर

पहली मेट्रो- 24 दिसम्बर 2002, शाहदरा-तीस हजारी लाइन
मेट्रो लाइन- 12ट्रेनों की संख्या- 336कुल लम्बाई- 393 किलोमीटरस्टेशनों पर ठहराव- 288

लाभान्वित यात्री (प्रतिदिन)- 70 लाखफेज-अब तक 3 फेज हुए। चौथे फेज का कुछ काम शेष।

फेज-4 के अन्तर्गत वर्ष 2028 तक 530 किलोमीटर तक मेट्रो का जाल बिछेगा। यह फेज पूरा होने पर लंदन व बिजिंग जैसे नेटवर्क को भी पीछे छोड़ते हुए दिल्ली मेट्रो का विश्व में नया रेकार्ड बन सकता है।
खास बात – दिल्ली मेट्रो भारत देश का सबसे बड़ा नेटवर्क, तीन राज्यों के शहरों को जोड़ती है।

जयपुर मेट्रो : दूसरे फेज के पूरे होने का इंतजार

पहली मेट्रो : 3 जून 2015, मानसरोवर से चांदपोल तक
मेट्रो लाइन- एकट्रेनों की संख्या- 7

कुल लम्बाई- 12 किलोमीटर

स्टेशनों पर ठहराव- 11लाभान्वित यात्री (प्रतिदिन)- 50 हजार

फेज- विस्तार के लिए फेज 1 के दो चरणों का काम चल रहा है। 23 सितम्बर 2020 को चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक विस्तार हुआ। दूसरे चरण में मानसरोवर से 200 फीट बायपास व दूसरा हिस्सा बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर से जुड़ेगा। वर्ष 2026 तक दोनों प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे। फेज-2 की जल्द ही संशोधित डीपीआर का काम शुरू होगा। यह रूट सीतापुरा से वीकेआई तक प्रस्तावित है।

बेंगलूरु/ नम्मा मेट्रो : दक्षिण की पहली भूमिगत मेट्रो

पहली मेट्रो – 20 अक्टूबर 2011, बयाप्पनहल्ली और महात्मा गांधी रोड के बीच।

मेट्रो लाइन- 2

ट्रेनों की संख्या- 57कुल लम्बाई- 73.75 किलोमीटरस्टेशनों पर ठहराव- 66
लाभान्वित यात्री (प्रतिदिन)- 6 लाख से ज्यादा

फेज : 4 फेज प्रस्तावित है। फेज-1 पूरा हो चुका है। फेज 2 का कार्य चल रहा। 2028 तक तीन फेज पूरे करने का लक्ष्य।

खास बात – दिल्ली मेट्रो के बाद यह भारत में दूसरा सबसे लम्बा परिचालन मेट्रो नेटवर्क है। दक्षिण भारत में पहली भूमिगत मेट्रो प्रणाली बन गई।

चेन्नई मेट्रो- विस्तार से बढ़ेगा नेटवर्क

मेट्रो लाइन- 2

ट्रेनों की संख्या- 52

कुल लम्बाई- 54.1 किलोमीटरस्टेशनों पर ठहराव- 41लाभान्वित यात्री (प्रतिदिन)- 3 लाख

फेज- पहला चरण पूरा, दूसरा चरण विस्तार के साथ निर्माणाधीन। दूसरे चरण में 128 स्टेशनों के साथ 118.9 किलोमीटर लंबे नेटवर्क की योजना है। कार्य 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद।

कोलकाता मेट्रो : देश की पहली मेट्रो का गौरव

पहली मेट्रो- देश की पहली मेट्रो ट्रेन 1984 में कोलकाता में ही चली।

मेट्रो लाइन- 4

ट्रेनों की संख्या- 50कुल लम्बाई- 59.38 किलोमीटर
स्टेशनों पर ठहराव- 50

लाभान्वित यात्री (प्रतिदिन)- 7 लाख से अधिक

फेज- अब तक 4 फेज पूरे हुए। मेट्रो विस्तार में 2 नई मेट्रो रूट का कार्य एयरपोर्ट से गरियाहाट, जोका से तारातल्ला मार्ग पर मेट्रो कार्य निर्माणाधीन है। वर्ष 2026 तक कार्य पूरा होने की संभावना है।
खास बात– देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन एक्सप्लेनेट से हावड़ा मैदान 6 मार्च 2024 को शुरू हुई।

अहमदाबाद मेट्रो : फेज के विस्तार से बढ़ेगी रफ्तार

मेट्रो लाइन- 2

ट्रेनों की संख्या- 32कुल लम्बाई- 68 किलोमीटरस्टेशनों पर ठहराव- 30
लाभान्वित यात्री (प्रतिदिन)- 90 हजार

फेज- अब तक 1 फेज पूरा हुआ। फेज-2 के विस्तार का कार्य 2026 तक कार्य पूरा होने की संभावना।

सूरत मेट्रो : पहले फेज का कार्य चल रहा

मेट्रो लाइन- 2
कुल लम्बाई – 40.35 किलोमीटरफेज-एक, जिसका निर्माण 2021 मे शुरू हुआ, दिसम्बर 2027 में पूरा होगा।

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