शहडोल. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने सोमवार को दोपहर 3 बजे एक और हाथी को कॉलर आइडी पहनाकर जंगल में छोड़ा है। जंगल में छोडऩे के बाद से यह हाथी ताला रेंज में ही लगातार मूवमेंट कर रहा है। पार्क प्रबंधन इसकी हर एक गतिविधि पर नजर बनाए हुए है। पार्क प्रबध्ंान की माने तो फिलहाल हाथी सामान्य व्यवहार कर रहा है। इसके पूर्व पार्क प्रबंधन ने 20 नवंबर को एक हाथी को कॉलर आइडी पहनाकर छोड़ा था। यह प्रयोग सफल होने के बाद अब फिर से 10 वर्षीय नर हाथी पर यह प्रयोग किया गया है। इन दोनों ही हाथियों को अलग-अलग जगह से रेस्क्यू कर ताला कैम्प में रखा गया था। इनके स्वभाव का लगातार परीक्षण के बाद अब एक-एक कर इन्हें जंगल में छोंड़ा जा रहा है।
ग्रामीणों पर हमले के बाद किया था रेस्क्यू
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सलखनिया बीट में दस हाथियों की मौत के बाद झुंड से बिछडऩे के बाद एक माह पूर्व जंगली हाथी ने 2 नवंबर को चंदिया और देवरा से जुड़े क्षेत्र में तीन ग्रामीणों पर हमला कर दिया था। इसके बाद पार्क प्रबंधन ने हाथी का रेस्क्यू कर ताला कैंप में रखा था।
ट्रैंकुलाइज कर लगाई कॉलर आईडी
सोमवार को पार्क प्रबंधन ने ताला कैंप में हाथी को बाड़े में कैद किया। इसके बाद कर्मचारियों की मदद से इसे कॉलर आईडी लगाई गई। कॉलर आईडी लगने के बाद लगभग 3 बजे हाथी को ताला रेंज के जंगल में स्वतंत्र विचरण के लिए छोंड़ा गया है। पार्क प्रबंधन अब इसकी हर एक गतिविधि पर नजर रख रहा है।
आईडी लगाने के दौरान ये रहे मौजूद
जंगली हाथी को कॉलर आईडी लगाने के दौरान पीके वर्मा उप संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, डॉ पराग निगम डब्लूआईआई देहरादून, डॉ नितिन गुप्ता वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, डॉ अभय सेंगर वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी संजय टाइगर रिजर्व, डॉ हिमांशु जोशी डब्ल्यूसीटी मुम्बई, उप वनमंडलाधिकारी मानपुर, वन परिक्षेत्र अधिकारी ताला एवं स्टॉफ उपस्थित रहा।
इनका कहना है
चंदिया में ग्रामीणों पर हमला करने वाले हाथी का रेस्क्यू कर कैंप में रखा गया था। दोपहर में कॉलर आईडी लगाने के बाद उसे ताला रेंज में छोड़ा गया है। फिलहाल वह रेंज में लगातार मूवमेंट कर रहा है।
पीके वर्मा, उप संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
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