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लोकसभा चुनाव : संसदीय सीट शहडोल में दूसरी बार हिमाद्री चुनी गईं सांसद, कांग्रेस नहीं ढहा पाई गढ़

भाजपा 3,97,340 मतों से जीती, अनूपपुर मुख्यालय से हुई अंतिम परिणाम की घोषणा

शाहडोलJun 05, 2024 / 12:09 pm

Ramashankar mishra

शहडोल. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने हैं। शहडोल संसदीय सीट से भाजपा ने एक बार फिर से बड़ी जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल सिंह मार्को को लगभग 3 लाख 97 हजार मतों से शिकस्त देते हुए दूसरी बार सांसद चुनी गई है। हिमाद्री सिंह की इस जीत पर भाजपा खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई है। उल्लेखनीय है कि शहडोल संसदीय सीट से भाजपा ने सांसद हिमाद्री सिंह को फिर से मौका दिया था वहीं कांग्रेस ने पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्कों को चुनाव मैदान में उतारा था। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रेल को मतदान हुआ था। दो माह के इंतजार के बाद मंगलवार को सुबह 8 बजे से मतों की गणना प्रारंभ हुई। मतगणना के पहले राउण्ड से ही भाजपा प्रत्याशी ने बढ़त बनानी शुरु की थी और अंतिम राउण्ड तक यह अंतर 3 लाख 97 हजार तक पहुंच गया। कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल सिंह अपनी ही विधानसभा क्षेत्र में बढ़त बनाने में नाकाम रहे हैं। शहडोल संसदीय सीट की आठ विधानसभा सीटों की मतगणना चार जिला मुख्यालयों में हुए। इसके अंतिम परिणाम की घोषणा अनूपपुर मुख्यालय से हुई। इस दौरान सभी जिला मुख्यालयों में शांति पूर्वक मतगणना का कार्य संपन्न हुआ। प्रशासन ने सभी मतगणना स्थलो में समुचित व्यवस्था बनाई थी।

कांग्रेस ने सिर्फ प्रत्याशी उतारा, चुनाव लड़ा ही नहीं
हडोल संसदीय सीट का परिणाम अपेक्षा के अनुरूप ही रहा है। भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली शहडोल सीट में भाजपा को उम्मीद के अनुसार ही बड़ी जीत मिली हैै। भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को को तीन लाख से अधिक वोटों से पराजित किया है। इस बड़ी जीत के पीछे भाजपा कार्यकर्ताओं की सक्रियता से कहीं अधिक कांग्रेस की निष्क्रियता का योगदान माना जा रहा है। शहडोल संसदीय सीट में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिल्कुल भी प्रयास नहीं किया। आचार संहिता लागू होने के साथ ही कांग्रेस ने एक तरह से भाजपा को वाकओवर दे दिया था। प्रत्याशी की घोषणा अंतिम समय में की। प्रचार प्रसार तो दूर कहीं भी बैनर-पोस्टर तक नजर नहीं आ रहे थे। छह माह पहले विधानसभा चुनाव में तन, मन, धन से सक्रिय रहे जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में दिखे ही नहीं। विधानसभा चुनाव में जयसिंहनगर, जैतपुर, कोतमा और अनूपपुर में कांग्रेस का चेहरा रहे नेता अपने क्षेत्र से जैसे गायब हो गए थे। कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल सिंह मार्को स्वयं भी पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में ही सीमित रहे।

स्थानीय मुद्दे रहे नदारद
लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे नदारद रहे। भाजपा मोदी का चेहरा और केंद्र सरकार की उपलब्धियों के नाम पर लोगों के बीच जा रही थी और अपने पक्ष में माहौल बना रही थी। वहीं कांग्रेस भी राष्ट्रीय मुद्दों पर ही बात करती दिखी। क्षेत्र में बेरोजगारी, पलायन, हाथियों की समस्या सहित ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के बात किसी ने नहीं की। जबकि कांग्रेस स्थानीय मुददों पर भाजपा को घेर सकती थी। अगर स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाती और मतदाताओं का मन टटोलती तो परिणाम में इससे बेहतर ही होता।

कांग्रेस के कैडर वोटर रहे साथ
बिना किसी प्रयास के भी कांग्रेस के कैडर वोटर माने जाने वाले ग्रामीण व ट्राइबल मतदाताओं ने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। फुंदेलाल सिंह को मिले 3 लाख से अधिक वोट इस बात को प्रमाणित करते हैं कि अगर कांग्रेस ने थोड़ा भी प्रयास किया होता तो मतदान का आंकड़ा और बढ़ सकता था। वरिष्ठ नेताओं ने भी शहडोल में ज्यादा ध्यान नहीं दिया। सिर्फ राहुल गांधी की सभा हुई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की एक सभा पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुई थी।

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