कमेटी के सदस्य सेवानिवृत्त आइएफएस टी.सी.वर्मा व राजपाल सिंह तंवर बुधवार को उदयपुर पहुंचे। उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष मुय वन संरक्षक (वन्यजीव) उदयपुर एसआरवी मूर्थि एवं उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा के साथ सिरोही जिले के पिंडवाड़ा व पाली जिले के बाली रेंज के जंगल का जायजा लिया।
प्रस्तावित कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से जुड़ा होने से इस जंगल को संभावित बफर जोन के रूप में देखा जा रहा है। गठित समिति को 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजनी है। ऐसे में अब अंतिम रिपोर्ट तैयार करने के उद्देश्य से जंगल का मुआयना किया जा रहा है।
समिति अपनी रिपोर्ट में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के कोर एरिया, क्रिटिकल टाइगर हेबिटेट, बफर व पैराफेरी एरिया का निर्धारण करेगी। कोर एरिया में आ रहे गांवों के विस्थापन की रूपरेखा भी प्रस्तुत करेगी। बता दें कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की ओर से पिछले साल 22 अगस्त 2023 को कुंभलगढ़ बाघ परियोजना के लिए सैद्धांतिक सहमति दी गई थी।