अजमेर रोड से सटी क्वींस रोड से सिरसी रोड के बीच दो एलीवेटेड रोड के निर्माण के प्रस्ताव ने स्थानीय व्यापारियों में हलचल मचा दी है। एलीवेटेड रोड के लिए जिस रूट को चिह्नित किया गया है, वहां कुछ पॉइंट्स को छोड़कर सामान्य स्थितियों में कहीं निरंतर जाम की समस्या नहीं है।
इसके बावजूद जेडीए डीपीआर (फिजिबिलिटी रिपोर्ट सहित) बनाने पर तुला है। जबकि, जेडीए की ट्रैफिक-ट्रांसपोर्ट स्टडी रिपोर्ट में भी इस रूट पर पहले ट्रैफिक सर्वे हो चुका है। रूट पर लम्बी दूरी का इतना ट्रैफिक नहीं है कि उसके लिए फिलहाल एलीवेटेड बनाई जाए। जेडीए वैकल्पिक समाधान की बजाय बजट घोषणा की आड़ में करोड़ों रुपए खर्च करने पर तुला है। आपत्ति पर जेडीसी मंजू राजपाल भी ध्यान नहीं दे रही।
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ट्रैफिक की यह है स्थिति
-अजमेर रोड पुरानी चुंगी से क्वींस रोड की तरफ मुड़ने पर 76000 पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) हैं, जो 38-38 हजार दोनों तरफ हैं।-विजय द्वार तिराहे पर (चुंगी की तरफ से आने पर एक तरफ) 57000 हजार पीसीयू हैं। यहां से गांधी पथ की तरफ 21000 पीसीयू मुड़ जाते हैं। बाकी 36000 पीसीयू वाहन सीधे निकल रहे हैं।
-झाडखंड मोड तिराहा सिरसी मोड की तरफ 17000 पीसीयू मुड़ते हैं। बाकी उससे पहले ही वैशाली नगर में जा रहे हैं।
(स्टडी रिपोर्ट के आधार पर, जिसमें मौजूदा स्थिति को देखते हुए तीस प्रतिशत ज्यादा ट्रैफिक जोड़ा है)
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एलीवेटेड रोड के लिए प्रावधान
एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब सड़क की एक लेन में एक घंटे में 1000 से 1200 पीसीयू गुजरें तो एलीवेटेड रोड की जरूरत मानी जाती है।यहां भी पहले अन्य विकल्प पर हो फोकस
-सिरसी रोड पर विवाह स्थल ज्यादा हैं और वहां कुछ दिनों तक वाहनों की ज्यादा आवाजाही रहती है। विवाह स्थल व अन्य शोरूम में पार्किंग नहीं होने से भी स्थिति बिगड़ती है।-महिन्द्रा सेज के दौ सौ और ढाई सौ फीट के जंक्शन पर। इस पर जेडीए इंजीनियर ही सहमत नहीं हैँ।
(सभी के लिए पहले फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होगी)