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Rajasthan Startup Growth Story: राजस्थान का एक और स्टार्टअप बना यूनिकॉर्न

स्टार्टअप के मामले में राजस्थान स्वर्णयुग में प्रवेश कर चुका है, ये कहना शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी। चल रहा है। पिछले चार महीने में राजस्थान के दो स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने हैें। अक्टूबर 2021 में कार देखो यूनिकॉर्न बना था और जनवरी 2022 में राजस्थान का एक और स्टार्टअप डील शेयर भी यूनिकॉर्न बन चुका है। कंपनी ने पहले ई सीरीज फंड संग्रह प्रोग्राम में 165 मिलियन डॉलर यानी करीब 1250 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इस तरह जनवरी 2022 में भारत के पांच स्टार्टअप अब तक यूनिकॉर्न बन चुके हैं।

Jan 29, 2022 / 07:40 pm

Swatantra Jain

जयपुर का स्टार्टअप बना देश का लेटेस्ट यूनिकॉर्न स्टार्टअप

जयपुर। राजस्थान के एक और स्टार्टअप डील शेयर ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया है। राजस्थान के जयपुर से शुरू हुए किराना कॉमर्स स्टार्टअप डीलशेयर ने कहा है कि उसने हाल में 165 मिलियन डॉलर (1250 करोड़ रुपए ) जुटाए हैं, और इस फंड के मिलने के बाद इसका वैल्यूशन 1.6 बिलियन डॉलर यानी 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। कंपनी ने पिछले छह माह में अपने वैल्यूशन में करीब 4 गुना की बढ़ोतरी की है। इस तरह कंपनी अब स्टार्टअप की दुनिया में भारत का नवीनतम यूनिकॉर्न स्टार्टअप हो गया है। यूनिकॉर्न वो स्टार्टअप कहलाते हैं जिनका वैल्यूशन 1 अरब डॉलर से ज्यादा आंका जाता है । इस तरह डीलशेयर 2022 में भारत में यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाला पांचवां स्टार्टअप बन गया है। इसके पहले मामाअर्थ, फ्रैक्टल, लीड स्कूल और डार्विनबॉक्स सन 2022 में स्टार्टअप का दर्जा हासिल कर चुके हैं।
सीईओ समेत दो फाउंडर्स हैं राजस्थान से

डील शेयर के संस्थापक विनीत राव ने पत्रिका को बताया कि उन्होंने 2018 में सिएटल में माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़कर ये स्टार्टअप शुरू किया था। जयपुर के सेंट जेवियर्स से 12 वीं और आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाले राव ने बताया कि आज भी उनका सबसे बड़ा कस्टमर बेस और सबसे बड़ी टीम राजस्थान में ही है। आज वे राजस्थान के करीब 45 शहरों में अपनी सेवा दे रहे हैं और उनकी राजस्थान में 500 से अधिक कर्मियों की टीम हैं। राव ने बताया कि फिलहाल कंपनी अपने विस्तार के क्रम में बैंगलूरू समेत देश के अनेक राज्यों में अपने ऑफिस खोल रही है। लेकिन उनके रेवेन्यू का सबसे बड़ा स्रोत अब भी राजस्थान ही है। राव ने बताया कि उनके दूसरे फाउंडर सौरज्येंदू मेद्दा भी राजस्थान के ही हैं और सेंट जेवियर्स से ही पढ़े हैं। विनीत राव जहाँ कंपनी के सीईओ हैं तो सौरज्येंदू मेद्दा कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफिसर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
ऑफलाइन जाने की भी है कंपनी की योजना

राव के अनुसार, निकट अवधि में डील शेयर का राजस्व में 1 अरब बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है और वह प्रौद्योगिकी और डेटा एनालिटिक्स में निवेश करने के साथ-साथ अपने खुद के किराना सामान के निर्माण के लिए इस धन का उपयोग करेगी। इसके लिए कंपनी फिजिकल स्टोर फ्रैंचाइज़ी नेटवर्क के साथ ऑफ़लाइन जाने की भी योजना बना रहा है।

एक साल में चार गुना बढ़ा मूल्यांकन

बता दें कि तीन साल पुराने इस स्टार्टअप का यह ई-सीरीज राउंड में फंड जुटाने का पहला प्रयास था। इस राउंड में कंपनी में टाइगर ग्लोबल और अल्फा वेव ग्लोबल जैसे मौजूदा निवेशकों के अलावा, नए निवेशकों जैसे ड्रैगनियर इन्वेस्टमेंट ग्रुप, कोरा कैपिटल और यूनिलीवर वेंचर्स ने दौर में भाग लिया। .टाइगर ग्लोबल ने इस दौर में 39.1 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, उसके बाद अल्फा वेव, कोरा इन्वेस्टमेंट, डीएफ इंटरनेशनल पार्टनर्स और ट्वेंटी नाइन कैपिटल पार्टनर्स ने क्रमशः 31.3 मिलियन डॉलर, 27.4 मिलियन डॉलर, 19.6 मिलियन डॉलर और 11.7 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। शेष निवेश अन्य स्रोतों से प्राप्त हुआ है। बता दें, छह महीने पहले अपने अंतिम दौर के वित्त पोषण में, डीलशेयर का मूल्य $ 455 मिलियन था और एक वर्ष से भी कम समय में इसका मूल्यांकन लगभग चौगुना हो गया है।
टियर 2 और टियर 3 शहर और मामूली ब्रांड को जोड़ रही है कंपनी

कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार विनीत राव, सौरज्येंदु मेद्दा, शंकर बोरा और रजत शिखर ने सितंबर 2018 में डीलशेयर की स्थापना की थी। राजस्थान से शुरू हुई इस कंपनी का लक्ष्य भारत के भीतरी इलाकों में पहली बार इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव कराने पर केंद्रित है। इसके संस्थापक विनीत राव ने पत्रिका को बताया कि वे मध्यम और निम्न मध्य वर्ग यानी 50,000 रुपए से कम की मासिक घरेलू आय वाले टियर 2 और टियर 3 शहरों में बड़े पैमाने पर एक अलग तरह का ऑनलाइन किराना कॉमर्स बाजार बना रहे हैं और वे बड़े ब्रांडों के बजाए छोटे ब्रांडों से और सीधे फैक्ट्री से सौदे कर निम्न मध्यम वर्ग को ऑनलाइन कारोबार से जोड़ रहे हैं और इन्हें गुणवत्ता वाला सामान कम कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं।

नई सोच से तीन साल में यूनिकॉर्न बनी डीलशेयर

राव ने पत्रिका को बताया कि हम आवश्यक उत्पादों की लागत को कम करने के लिए दो तरीकों का उपयोग करते हैं- देश के एमएसएमई क्षेत्र के छोटे कारखानों से छोटे शहरों में अपेक्षाकृत छोटे या कम पहचान वाले ब्रांडों के घरेलू सामान सीधे हासिल करते हैं , जिससे इनके वितरण और चैनल की बिक्री की लागत में कटौती होती है। इसके बाद ये यह अपने ग्राहक आधार को बनाने के लिए व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग करता है और इन आवश्यक चीजों पर समूहों में खरीद किए जाने पर विशेष छूट देता है। साथ ही यह सौदों को वायरल करने के लिए प्रभावशाली लोगों के नेटवर्क का भी उपयोग करता है और उपभोक्ताओं को अपने दोस्तों के साथ उत्पाद सौदों को साझा करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करता है।
बता दें कि डीलशेयर का मुकाबला सिटी मॉल, मीशो, शॉप101 और बुलबुल से जैसे प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप से है। लेकिन जो तेजी डीलशेयर ने दिखाई है, वो अब तक किसी और प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप में देखने को नहीं मिली है।

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