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KOTA STON PARK की स्थापना से उद्योगों को मिलेगा सम्बल, नए उद्योग लगेंगे

चम्बल की धरती पर उच्च और निर्यात क्वालिटी का लाइम स्टोन (कोटा स्टोन) निकलता है। इससे प्रोसेसिंग उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं। पत्थर उद्योगों के लिए कोटा में इन्फ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध है। ऐसे में कोटा स्टोन पार्क की स्थापना कर पत्थर उद्योगों को विकसित किया जा सकता है।

कोटाJan 06, 2025 / 05:44 pm

Ranjeet singh solanki

निर्यात के लिए पैकिंग में रखा कोटा स्टोन

चम्बल की धरती पर उच्च और निर्यात क्वालिटी का लाइम स्टोन (कोटा स्टोन) निकलता है। इससे प्रोसेसिंग उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं। पत्थर उद्योगों के लिए कोटा में इन्फ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध है। ऐसे में कोटा स्टोन पार्क की स्थापना कर पत्थर उद्योगों को विकसित किया जा सकता है।

कोटा स्टोन के लिए विशेष पहचान

कोटा की देश-दुनिया में कोटा स्टोन के लिए विशेष पहचान है। कोटा और झालावाड़ जिले में प्रचुर मात्रा में लाइम स्टोन पाया जाता है। वैश्विक बाजार में लाइम स्टोन की अच्छी डिमांड है। भारतमाला परियोजना में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे शुरू होने के बाद पत्थर उद्योग को नई दिशा मिलने वाली है। ऐसे में कोटा और झालावाड़ के खान मालिक और पत्थर उद्यमी चाहते हैं कि भारतमाला परियोजना के आसपास स्टोन पार्क बनाया जाए। इसमें बड़ी संख्या में पत्थर इकाइयों लग सकती हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बजट में स्टोन मंडी की घोषणा की थी, जबकि उद्यमी स्टोन पार्क स्थापना की मांग उठा रहे हैं। कोटा में पहले ही दो स्टोन मंडियां संचालित हैं।

शहरी क्षेत्र में बंद हो गई पत्थर इकाइयां

इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। इसमें डेढ़ दशक पहले 700 से अधिक स्पलिटिंग इकाइयां संचालित थी। इस क्षेत्र में कोचिंग संस्थान खुलने के बाद उद्यमियों का पत्थर उद्योग से मोहभंग हो गया और फैक्टि्रयों को बंद कर हॉस्टल, होटल व अन्य कॉमर्शिलय काम शुरू कर दिया। वर्तमान में इस औद्योगिक क्षेत्र में सिर्फ सवा सौ पत्थर इकाइयां ही संचालित हैं। करीब 2500 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

कई देशोें में निर्यात होता है कोटा स्टोन

कोटा स्टोन यूके, अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में सालाना करीब 125 करोड़ का निर्यात होता है। हाड़ौती में कोटा स्टोन का सालाना टर्न ओवर 1000 करोड़ रुपए का है। कोटा स्टोन खदानों में दो कलर में नीला व भूरा पत्थर निकलता है। कोटा जिले के रामगंजमंडी क्षेत्र व झालावाड़ जिले में लाइम स्टोन की खदानें हैं। रामगंजमंडी में 48 व झालावाड़ में करीब 100 से ज्यादा खनन पट्टाधारी हैं। झालावाड़ व रामगंजमंडी क्षेत्र में दो हजार प्रोसेसिंग यूनिट लगी हुई हैं। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 50 से 60 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

स्टोन पार्क का प्रस्ताव मुख्यालय भेज रखा है

दि एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल का कहना है कि हाड़ौती में उच्च गुणवत्ता का लाइम स्टोन निकलता है। लाइम स्टोन का वैल्यू एडिशन कर कई प्रोडक्ट तैयार किए जाने लगे हैं। इसलिए हम स्टोन पार्क की मांग कर रहे हैं। स्टोन पार्क में पत्थर के वैल्यू एडिशन आधारित बड़ी संख्या में उद्योग लग सकेंगे। इससे रोजगार सृजन होगा। निर्यात के लिए कोटा में कोनकोर डिपो बना हुआ है। भारतमाला परियोजना से दिल्ली-मुम्बई व अन्य राज्यों में आसानी से माल परिवहन हो सकेगा। रीको के उप महाप्रबंधक एमके शर्मा का कहना है कि स्टोन पार्क का प्रस्ताव मुख्यालय भेज रखा है। सरकार के स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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