आदेश के इंतजार का हवाला दे कर रहे हीलाहवाली
अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माण करने वालों पर कार्रवाई की वजाय उन्हे प्रश्रय दिया जा रहा है। इन पर कार्रवाई करने की वजाय यह बात कही जा रही है कि कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा हुई थी। नियमों में क्या-क्या संशोधन हुए हैं उसके आदेश जारी होने के बाद ही एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। सोचनीय पहलू यह है कि लगभग एक वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब तक इस पर कार्रवाई नहीं की गई। अब जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारी नियमों में संशोधन का हवाला देकर इन्हे बचाने की जुगत में लगे हैं। बताया जा रहा है कि शहर में अवैध प्लाटिंग के जो मामले थे वह फाइल कलेक्टर कार्यालय पहुंच गई है। वहीं ग्रामीण अंचलो की फाइलें एसडीएम कार्यालय में लटकी हुई है।
अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माण करने वालों पर कार्रवाई की वजाय उन्हे प्रश्रय दिया जा रहा है। इन पर कार्रवाई करने की वजाय यह बात कही जा रही है कि कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा हुई थी। नियमों में क्या-क्या संशोधन हुए हैं उसके आदेश जारी होने के बाद ही एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। सोचनीय पहलू यह है कि लगभग एक वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब तक इस पर कार्रवाई नहीं की गई। अब जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारी नियमों में संशोधन का हवाला देकर इन्हे बचाने की जुगत में लगे हैं। बताया जा रहा है कि शहर में अवैध प्लाटिंग के जो मामले थे वह फाइल कलेक्टर कार्यालय पहुंच गई है। वहीं ग्रामीण अंचलो की फाइलें एसडीएम कार्यालय में लटकी हुई है।
रजिस्ट्री भी नहीं हो रही, राजस्व को नुकसान
जानकारी के अनुसार जांच के बाद जहां-जहां अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माण पाए गए थे वहां की रजिस्ट्री पर भी रोक है। इससे शासन के राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है। पंजीयन विभाग की माने तो शासन की गाइड लाइन व निर्देशों के अनुसार रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। इसे लेकर पूर्व में भोपाल स्तर से रजिस्ट्री पर लगी रोक हटाने जिला प्रशासन को पत्राचार भी किया गया था। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसके अलावा शहर से सटे निपनिया, पिपरिया और छतवई, कल्याणपुर, विचारपुर में बड़े स्तर पर कृषि भूमि को बिना अनुमति के प्लाटिंग कराई जा रही है। इसमें अधिकारियों की भी सांठगांठ की वजह से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है।
जानकारी के अनुसार जांच के बाद जहां-जहां अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माण पाए गए थे वहां की रजिस्ट्री पर भी रोक है। इससे शासन के राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है। पंजीयन विभाग की माने तो शासन की गाइड लाइन व निर्देशों के अनुसार रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। इसे लेकर पूर्व में भोपाल स्तर से रजिस्ट्री पर लगी रोक हटाने जिला प्रशासन को पत्राचार भी किया गया था। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसके अलावा शहर से सटे निपनिया, पिपरिया और छतवई, कल्याणपुर, विचारपुर में बड़े स्तर पर कृषि भूमि को बिना अनुमति के प्लाटिंग कराई जा रही है। इसमें अधिकारियों की भी सांठगांठ की वजह से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है।
जांच के बाद सामने आई थी गड़बड़ी
कृषि योग्य भूमि को छोटे-छोटे भू-खण्ड में परिवर्तित कर बिना अनुमति के बिक्री करने व कॉलोनियां बनाने की लगातार शिकायत मिल रही थी। इसे गंभीरता से लेते हुए लगभग एक वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ने जांच टीम गठित की थी। जांच टीम में डिप्टी कलेक्टर, अधीक्षक भू-अभिलेख, अधीक्षक भू-प्रबंधन एवं तहसीलदार को शामिल किया गया था। टीम से शहर व इससे जुड़ी सीमा से लगे ग्रामीण अंचलो में जांच कराई गई थी। जांच के दौरान बड़े स्तर पर अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माण का खुलासा हुआ था। जांच में 18 ग्रामों में 1786 अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी मिली थी।
कार्रवाई के दिए थे निर्देश, ठंडे बस्ते में मामला
तत्कालीन कलेक्टर ने अवैध कॉलोनी निर्माण करने वालों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी सोहागपुर, तहसीलदार सोहागपुर एवं नायब तहसीलदार वृत्त सिंहपुर को दिए थे। इसके बाद से लेकर अभी तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ प्लाटिंग करने वालों को सिर्फ नोटिस जारी किया गया है। जिम्मेदार विभागों का कहना है कि अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किया गया है लेकिन अधिकांस लोग जवाब देने ही नहीं आए। इसके बाद भी उन पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
कृषि योग्य भूमि को छोटे-छोटे भू-खण्ड में परिवर्तित कर बिना अनुमति के बिक्री करने व कॉलोनियां बनाने की लगातार शिकायत मिल रही थी। इसे गंभीरता से लेते हुए लगभग एक वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर ने जांच टीम गठित की थी। जांच टीम में डिप्टी कलेक्टर, अधीक्षक भू-अभिलेख, अधीक्षक भू-प्रबंधन एवं तहसीलदार को शामिल किया गया था। टीम से शहर व इससे जुड़ी सीमा से लगे ग्रामीण अंचलो में जांच कराई गई थी। जांच के दौरान बड़े स्तर पर अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माण का खुलासा हुआ था। जांच में 18 ग्रामों में 1786 अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी मिली थी।
कार्रवाई के दिए थे निर्देश, ठंडे बस्ते में मामला
तत्कालीन कलेक्टर ने अवैध कॉलोनी निर्माण करने वालों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी सोहागपुर, तहसीलदार सोहागपुर एवं नायब तहसीलदार वृत्त सिंहपुर को दिए थे। इसके बाद से लेकर अभी तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ प्लाटिंग करने वालों को सिर्फ नोटिस जारी किया गया है। जिम्मेदार विभागों का कहना है कि अवैध प्लाटिंग व कॉलोनी निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किया गया है लेकिन अधिकांस लोग जवाब देने ही नहीं आए। इसके बाद भी उन पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।