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हैरिटेज निगम…30 दिन में जारी करनी होगी निर्माण स्वीकृति, देरी करने वालों पर कार्रवाई भी

हैरिटेज नगर निगम ने नई एसओपी जारी की है। इसके तहत 30 दिन में भवन निर्माण स्वीकृति जारी करनी होगी। तय समय में काम नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों और कार्मिकों पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है।

जयपुरJun 08, 2024 / 07:13 am

Ashwani Kumar

जयपुर। राजधानी के परकोटा क्षेत्र में भवन निर्माण स्वीकृति में अब देरी नहीं होगी। एक माह के भीतर निर्माण स्वीकृति जारी करनी होगी और इससे अधिक देरी होने पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी को कारण बताना होगा। समय पर जवाब नहीं देने और मौका निरीक्षण समय पर नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी होगी।
दरअसल, लगातार अवैध निर्माणों और स्वीकृति में हो रही मनमानी के चलते निगम मुख्यालय ने नई एसओपी जारी की है। यह एसओपी (मानक संचालक प्रक्रिया) वाल्ड सिटी बायलॉज-2020 और वाल्ड सिटी बिल्डिंग रेग्युलेशनंस-2022 के तहत जारी की जाएगी। इस एसओपी की खास बात यह है कि एक दिन से लेकर पांच दिन तक ही फाइल को रोका जा सकेगा।
ऐसे होगा काम
-निर्माण स्वीकृति से संबंधित कागजातों की फाइल तैयार कर जोन उपायुक्त को देनी होगी। जोन उपायुक्त जेईएन (बिल्डिंग) को मौका निरीक्षण के भेजेगा। एक दिन में मौका निरीक्षण होगा। फिर उपायुक्त भूखंड स्वामित्व से लेकर पट्टा होने और न होने की जांच करवाएगा। इसके लिए दो दिन का समय निर्धारित किया गया है।
-सिटी सर्वे रिकॉर्ड के आधार पर सहायक नगर नियोजक भूखंड के स्वामित्व की जांच कर फाइल जोन उपायुक्त को भेजेंगे। इसके लिए दो दिन का समय तय किया गया है।
-इसके बाद फाइल डीसी जोन के एटीपी को भेजेंगे और उसके बाद वापस डीसी के पास फाइल आएगी। जोन डीसी फाइल को हैरिटेज सेल में भेजेंगे।
-हैरिटेज सेल तकनीकी परीक्षण करवाएगी। पांच दिन के अंदर बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप स्वीकृति जारी की जाएगी।
-इसके बाद फीस की गणना होगी। उपायुक्त निर्माण स्वीकृति पत्र जारी करेंगे और उसके बाद भूंखडधारी को अनुमति दे दी जाएगी।

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