बासनी थानान्तर्गत हड्डी मिल में सीजीएसटी कार्यालय में निरीक्षक के सेवानिवृत्ति समारोह में फायरिंग के दौरान छर्रे लगने से बैण्ड मास्टर की मौत को लेकर परिजन व समाज के लोग आक्रोशित हो गए। विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को एम्स मोर्चरी के बाहर धरना प्रदर्शन कर पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। देर शाम तीन मांगों पर सहमति बनने पर गतिरोध समाप्त हुआ।
थानाधिकारी मोहम्मद शफीक खान ने बताया कि चांदी हॉल रोड पर आहोर की हवेली क्षेत्र निवासी फखरूद्दीन (64) पुत्र नसरूद्दीन गत 30 सितम्बर को 12 बोर राइफल से मिस फायर होने पर सीने में छर्रे लगने से घायल हो गया था। गत 7 अक्टूबर को एम्स के आइसीयू से सीधे छुट्टी दे दी गई थी। 8 अक्टूबर को तबीयत खराब होने पर दुबारा एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां गुरुवार देर शाम मौत हो गई थी।
इसको लेकर परिजन व समाज के लोगों ने रात को थाने में एकत्रित होकर विरोध जताया था। फिर शुक्रवार सुबह एम्स मोर्चरी के बाहर एकत्रित हो गए और नारेबाजी की। उन्होंने मृतक के आश्रित को नौकरी, आर्थिक मुआवजा, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई, हत्या की धारा जोड़ने व बोर्ड से पोस्टमार्टम की मांग की। इसको लेकर वे मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने वार्ता की, लेकिन परिजन मांगों पर अड़े रहे। आखिरकार शाम को आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपए, गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ने व मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने पर सहमति बनीं। तब परिजन पोस्टमार्टम करवाने को राजी हुए, लेकिन तब तक अंधेरा हो चुका था। ऐसे में अब शनिवार को बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। परिजन ने पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप है कि पुलिस ने जांच के दौरान अब तक फखरूद्दीन के सीने से निकले छर्रे जब्त नहीं किए हैं।